देश में H3N2 वायरस तेजी से पांव पसार रहा है। बिहार में भी इसका मामला सामने आया है। पटना में एक महिला इस वायरस से संक्रमित मिली है। इसके बाद बिहार सरकार ने सभी स्वास्थ्य संस्थानों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं।
राज्य स्वास्थ्य समिति ने वायरस की रोकथाम को लेकर हेल्थ एडवाइजरी जारी कर दी है। इसे सभी स्वास्थ्य संस्थानों को भेज दिया है।
वायरस के ट्रांसमिशन को रोकने के लिए बिहार सरकार के निर्देश..
बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और बच्चों को है ज्यादा खतरा
H3N2 एक प्रकार का इफ्लूएंजा वायरस है, जिसे इफ्लूएंजा 'ए' वायरस कहा जाता है। यह एक श्वांस संबंधित वायरस है। इस वायरस से सबसे ज्यादा खतरा अस्थमा और लंग्स इन्फेक्शन के मरीज, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और बच्चों को है।
इस बीमारी के लक्षण एक सप्ताह या उससे अधिक दिनों तक तेज बुखार, काफी समय तक खांसी रहना, बलगम की परेशानी बढ़ना, नाक से पानी आना, सिर में दर्द रहना, उल्टी जैसा महसूस होना, भूख कम लगना, शरीर में दर्द रहना है।
पटना एम्स में तैयार हुआ 30 बेड का आइसोलेशन वार्ड
H3N2 को लेकर पटना एम्स ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। 30 बेड को अलग से आइसोलेट वार्ड के रूप में तैयार किया जा रहा है। कुछ ही घंटों में मरीज के लिए ये उपलब्ध हो सकता है। पटना एम्स के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ गोपाल कृष्ण पाल ने दैनिक भास्कर से कहा कि इस वायरस से आम लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। यह एक माइल्ड डिजीज है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि अभी एक भी केस एम्स में ऐसा नहीं आया है, जो H3N2 से प्रभावित हो। उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले मरीजों के लिए टेस्टिंग की व्यवस्था की गई है। इसके लिए पटना एम्स में कीट की व्यवस्था की गई है।
बताया कि यह भारत में जनवरी से मार्च एवं मानसून के बाद आता है। यह कोई खतरनाक बीमारी नहीं है। इसके अलावा कैंसर के मरीज, ब्लड प्रेशर के मरीज, डायबिटीज के मरीजों को इस बीमारी से सावधान रहने की जरूरत है।
वायरस के प्रचार-प्रसार को रोकने के लिए रखें ध्यान
1. खांसते और छींकते समय नाक और मुंह को अच्छी तरह कवर करें। 2. हाथों को समय-समय पर पानी और साबुन से धोते रहें। 3. स्वयं को हाइड्रेट रखें, इसके साथ ही पानी, फ्रूट, जूस और अन्य तरल पेय पदार्थ लेते रहें। 4. नाक और मुंह छूने से बचें। 5. बुखार आने की स्थिति में पैरासिटामोल लें, चिकित्सक की सलाह के बगैर एंटीबायोटिक्स नहीं लें। 6. सार्वजनिक जगहों पर न थूकें।
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पटना में भी H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस ने दस्तक दे दी है। आरएमआरआई (राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीच्यूट) में हुई जांच में एक महिला इससे संक्रमित मिली है। बिहार में H3N2 इन्फ्लुएंजा का यह पहला मामला है। इस वायरस का कोरोना जैसा ही इफेक्ट है। ये सीधे लंग्स पर अटैक करता है। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें।
H3N2 से बच्चे, बुजुर्ग, प्रेग्नेंट महिला रहें अलर्ट:अस्थमा, लिवर, हार्ट और डायबिटीज पेशेंट को ज्यादा खतरा; पढ़ें डॉक्टर्स की सलाह और उपाय
H3N2 वायरस के केस देश में बढ़ रहे हैं। 2 लोगों की मौत भी इससे हुई है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानी IMA के मुताबिक इस वायरस से आमतौर पर 15 साल से कम और 50 साल से ज्यादा उम्र के लोग बीमार पड़ रहे हैं। कोमोरबिड पेशेंट यानी एक ऐसा व्यक्ति जो एक ही समय पर एक से अधिक गंभीर बीमारी का शिकार हो जैसे-उसे डायबिटीज और बीपी दोनों की प्रॉब्लम हो। या फिर वो लोग जिन्हें अस्थमा, डायबिटीज, हार्ट प्रॉब्लम, वीक इम्यून और न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम जैसी कोई एक दिक्कत है उन्हें H3N2 का रिस्क है। पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करिए
H3N2 इन्फ्लुएंजा से देश में पहली बार 2 मौतें:कर्नाटक-हरियाणा के थे दोनों मरीज, देश में अब तक 3038 केस
देश में पहली बार संक्रामक H3N2 इन्फ्लुएंजा से दो लोगों की मौत के बाद सरकार अलर्ट पर है। मृतकों में कर्नाटक के हासन जिले के 82 साल का वृद्ध और हरियाणा के जींद का 56 साल का व्यक्ति है। दोनों मरीजों ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां थीं। हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में अब तक 10 मरीजों की मौत का दावा किया जा रहा है।
देश में जनवरी से अब तक H3N2 इन्फ्लुएंजा के 3084 केस सामने आए हैं। इसे देखते हुए शनिवार को नीति आयोग ने मंत्रालयों की बैठक बुलाई है। इसमें राज्यों की स्थिति की समीक्षा की जाएगी। साथ ही देखा जाएगा कि किस राज्य को किस तरह के सपोर्ट की जरूरत है। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि मार्च के आखिर तक H3N2 संक्रमण के मामलों में कमी आने की संभावना है। पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करिए
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