बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल PMCH में जूनियर डॉक्टर 5 दिन से हड़ताल पर हैं। हर दिन करीब 1200 मरीज बिना इलाज के वापस लौट रहे हैं। 60 से अधिक ऑपरेशन टाल दिए गए हैं। अब उस विवाद का वीडियो सामने आया है, जिसे विवाद पर जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं। वीडियो में दिख रहा है कि जूनियर डॉक्टर बेहरमी से उस परिवार के सदस्यों को पीट रहे हैं, जिनके परिजन की मौत हुई थी।
वीडियो में दिख रहा है कि अस्पताल के टाटा वार्ड में एक जूनियर डॉक्टर मरीज के परिजनों को बुरी तरह पीट रहे हैं। परिजन डॉक्टर को रोकने की भी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे किन्हीं की नहीं सुन रहे हैं। सुरक्षाकर्मी भी मामले को शांत कराने की कोशिश करते हैं। मगर डॉक्टर किन्हीं की नहीं सुन रहे हैं। वे परिजन को पीटते जा रहे हैं।
बिना इलाज के लौट रहे हैं परिजन
इस घटना के बाद से ही जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं। इससे करीब 6 हजार मरीजों का इलाज प्रभावित हो रहा है। 60 से ज्यादा ऑपरेशन टाल दिए गए हैं। इमरजेंसी सेवा बुरी तरह प्रभावित है। ओपीडी वार्ड में सीनियर डॉक्टर बैठ तो रहे हैं। लेकिन जूनियर डॉक्टर के नहीं रहने के कारण यहां भी मरीजों का इलाज बुरी तरह प्रभावित है। दूर-दराज के क्षेत्रों से इलाज की उम्मीद से पहुंच रहे मरीज बिना इलाज के ही वापस लौटने को मजबूर हैं।
अब पहले यहां समझिए, क्या है पूरा मामला
बुधवार की रात 70 वर्षीय मरीज को पीएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में एमडिट कराया गया था। एडमिट होने के कुछ ही देर बाद उनकी मौत हो गई। इसके बाद परिजन मौत के लिए डॉक्टर को जिम्मेदार ठहराने लगे। उनका आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही के कारण उनके परिजन की मौत हो गई। उनके कहने के बाद भी समय से इलाज शुरू नहीं किया गया। यहीं से विवाद बढ़ा। पहले वीडियो में दिख रहा है कि एक डॉक्टर और युवक में हाथापाई होती है। कुछ देर में दूसरे डॉक्टर जुटते हैं। फिर बेहरमी से दोनों युवकों को दौड़ा-दौड़ाकर मारते हैं।
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन का क्या है आरोप
वहीं, जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि मरीज की मौत के बाद परिजनों ने ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर के साथ गाली-गलौज और मारपीट की। बाहर से असामाजिक तत्वों को बुलाकर गोली मारने की धमकी दी। घटना के अगले दिन गुरुवार को 50-100 लोगों ने अस्पताल के जीवक हॉस्पिटल पर हमला कर दिया। फिर पथराव कर दिया।
जूनियर डॉक्टर की क्या है मांग
1. अस्पताल में पुराने गार्ड को बदलकर नए और हथियारबंद गार्ड की तैनाती की जाए।
2.इमर्जेंसी वार्ड में परिजनों के लिए अलग वार्ड और सख्त व्यवस्था लागू की जाए।
3. गैरजरूरी वाहनों को कॉलेज के मेन गेट के बाहर ही रोक दिया जाए।
4. गार्ड कॉलेज का नियमित निरीक्षण करें और बाहरी लोगों को यहां जमा होने से रोका जाए।
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