लखीसराय के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (SDPO) रंजन कुमार का ट्रांसफर होली के दिन ट्रांसफर कर दिया गया है। रंजन कुमार के ट्रांसफर समेत लखीसराय में बढ़ते अपराध के मामले को लेकर इसी हफ्ते बिहार विधानसभा में ऐतिहासिक हंगामा हुआ था। CM नीतीश कुमार और स्पीकर विजय सिन्हा के बीच तीखी बहस हो गई थी। दो दिनों बाद जब सबकुछ सुलझा, तब ही स्पीकर सदन में आसन पर बैठे। अब उनकी मांग को मानते हुए बिहार सरकार ने लखीसराय के SDPO को भी हटा दिया है।
रंजन कुमार को अरेराज का SDPO बनाया गया है, जबकि अरेराज के SDPO अभिनव धिमन को पटना के दानापुर का SDPO बनाया गया है। इससे पहले दानापुर में SDPO रहे सैयद इमरान मसूद को अब लखीसराय भेजा गया है। सैयद इमरान मसूद 2018 बैच के तो अभिनव धिमन 2019 बैच के IPS अधिकारी हैं। रंजन कुमार बिहार पुलिस सेवा के अधिकारी हैं।
क्या है लखीसराय का मामला
लखीसराय में कई जगहों पर बीते फरवरी में सरस्वती पूजा के दौरान ऑर्केस्ट्रा का आयोजन किया गया था। इसमें बार-बालाओं का डांस हुआ था। हथियारों के प्रदर्शन के साथ नर्तकियों पर नोटों की बरसात की गई। वीडियो वायरल होने के बाद हरकत में आई पुलिस ने अपनी कार्रवाई में दो ऐसे लोगों को अरेस्ट किया जो सिर्फ ऑर्केस्ट्रा देखने गए थे।
इलाके के विधायक होने के नाते लोगों ने विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा क्षेत्र में गए तो लोगों ने शराब के अवैध धंधे और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। इस पर स्पीकर ने डीएसपी और थाना प्रभारी को तलब कर लिया था। फटकार लगाने पर डीएसपी और थाना प्रभारी ने उनके साथ अभद्रता की थी। स्पीकर ने मुख्य सचिव और डीजीपी को बुलाकर दोनों को सस्पेंड करने के लिए कहा था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। तब से लखीसराय की कानून व्यवस्था पर सवाल सदन में उठ रहा है।
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