बिहार में कैबिनेट विस्तार के बाद बने नए कानून मंत्री कार्तिक कुमार विवादों में घिर गए हैं। अपहरण के केस में उन्हें फरार बताया जा रहा है। ऐसे में हो सकता है कि उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ जाए। दरअसल, बिहार के 3 मंत्री ऐसे रह चुके हैं, जिन्हें शपथ लेने के कुछ ही घंटे बाद इस्तीफा देना पड़ा था। हालांकि, पुरानी सरकार में आरोपों के बाद 6 मंत्रियों से नीतीश कुमार ने इस्तीफा लिया था। 2020 की NDA सरकार में JDU कोटे से मंत्री बने मेवालाल चौधरी को 72 घंटे के अंदर इस्तीफा देना पड़ा था। उन पर सबौर यूनिवर्सिटी में VC रहने के दौरान नियुक्ति में बड़ा घोटाला करने का आरोप था।
मेवालाल चौधरी से पहले जीतन राम मांझी और आरएन सिंह को भी ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा था। इन दोनों को भी अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। हालांकि बाद में आरोप मुक्त होने के बाद जीतन राम मांझी और आरएन सिंह वापस कैबिनेट में लौट आए थे।
फर्जी डिग्री घोटाले के कारण 2005 में जीतन राम मांझी को देना पड़ा था इस्तीफा
जीतन राम मांझी 2005 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में बने मंत्रिमंडल में शामिल हुए थे। मंत्री पद की शपथ लेने के कुछ ही घंटे बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। दरअसल, साल 1999 में जीतन राम मांझी लालू प्रसाद की सरकार में शिक्षा राज्य मंत्री थे। उस समय एक डिग्री घोटाला हुआ था। उस घोटाले में उनका नाम आया था। बाद में वह इस मामले में आरोप मुक्त हो गए थे।
2008 में RN सिंह को देना पड़ा था इस्तीफा
2008 में परिवहन मंत्री आरएन सिंह ने भी निगरानी ब्यूरो से जुड़े एक मामले में नाम आने की बात पर इस्तीफा दे दिया था। मामला साल 1990 का है, तब निगरानी ब्यूरो ने उनके विरुद्ध चार्जशीट दायर की थी। एक समय आरएन सिंह मुजफ्फरपुर थर्मल पावर स्टेशन में फ्यूएल टेक्नोलॉजिस्ट के रूप में काम कर रहे थे। उन पर यह आरोप था कि उन्होंने खराब क्वालिटी की पाइप की खरीदारी थर्मल पावर स्टेशन के लिए की थी। बाद में वे इस मामले में रिहा हो गए और कैबिनेट में भी शामिल हुए थे।
इन दागियों पर भी नीतीश कुमार ने की थी कार्रवाई
रामाधार सिंह
19 मई, 2011 को कोर्ट द्वारा फरार घोषित होने के बाद सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह ने इस्तीफा दिया था। भाजपा के रामाधार सिंह पर चुनाव के समय दंगा फैलाने का आरोप था बाद में कोर्ट से मुक्त होने पर उन्हें मंत्री बनाया गया था।
अवधेश कुशवाहा
2015 में स्टिंग ऑपरेशन में 4 लाख घूस लेते पकड़ाए निबंधन उत्पाद मंत्री अवधेश कुशवाहा ने इस्तीफा दिया था। नीतीश कुमार ने तुरंत इस्तीफा ले लिया था।
मंजू वर्मा
2018 में समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने इस्तीफा दिया था। मंजू वर्मा के घर से सीबीआई ने तालाशी के दौरान कारतूस बरामद किए थे। ये वही मंजू वर्मा है जिनपर बालिका गृह कांड का भी आरोप लगा था। हालांकि सीएम नीतीश ने 2020 बिहार विधानसभा चुनाव में मंजू वर्मा को टिकट भी दिया, लेकिन जनता ने उन्हें नकार दिया।
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