इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) के गेट नंबर 3 पर 31 मार्च को जो मर्डर हुआ, अपराधियों ने उसकी तारीख 33 दिन पहले के लिए तय कर रखी थी। 26 फरवरी को IGIMS के गेट नंबर 2 पर चार राउंड फायरिंग भी की गई, लेकिन खबरची की चूक से गोलियां बेकार गईं। तब शूटर बदला गया और खबरची, यानी लाइनर को पक्की खबर का इंतजार करने कहा गया। शूटर IGIMS से कुछ दूर शेखपुरा का ही था और खबरची हॉस्पिटल गेट पर अपना होटल चलाने से ज्यादा सही मौके की ताक में बैठ रहा था। 31 मार्च को उसने शाम में पक्की सूचना दी और 3 राउंड गोली चली, लेकिन एक में ही अपराधियों का टारगेट पूरा हो गया। IGIMS गेट पर पार्टनरशिप में दवा की दुकान चलाने वाले वीरेंद्र कुमार उर्फ वीरेंद्र यादव की हत्या के बाद दैनिक भास्कर ने जब मृतक के परिजनों से बातचीत की और पुलिस की गतिविधियों से इसका मिलान किया तो यह जानकारी सामने आई।
जिसे होटल चलाने दिया, उसी ने अपराधियों को दी खबर
26 फरवरी को जिस वक्त अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की थी, उससे ठीक पहले वो अपनी दुकान से निकल चुके थे। उस दिन लाइनर की सूचना पक्की नहीं होने के कारण वार खाली गया। खाली गए वार का भी अपराधियों ने इस्तेमाल किया। डर दिखाकर रंगदारी मांगी गई। नहीं मिली तो फिर टारगेट पर नजर रखा गया। 31 मार्च की रात में लाइनर के जरिए यह मौका अपराधियों को मिल गया। वीरेंद्र की पत्नी रिंकू देवी का दावा है कि हत्या से पहले IGIMS के गेट नंबर-3 के पास होटल चलाने वाले पिंटू ने उनके मोबाइल पर कॉल किया था। अपने होटल पर बुलाया था। इसके बाद ही उनकी हत्या हो गई। इस कांड में पिंटू का रोल बेहद महत्वपूर्ण है। उनके पति ने ही पिंटू को अपना होटल चलाने के लिए दिया था और वही इस हत्याकांड का लाइनर निकला। जैसे ही गोली चली थी, वह होटल से फरार हो गया था।
दो महीने पहले ही दुकान की पार्टनरशिप ली, तभी से मांग रहे थे रंगदारी
वीरेंद्र के परिवार में पत्नी के अलावा एक बेटी निशा और दो बेटे हिमांशु और तेजप्रताप हैं। पिता लाला प्रसाद भी साथ रहते हैं। ये लोग पटना जिले के ही भगवानगंज थाना के तहत इंदो गांव के रहने वाले हैं। दवा की ब्रोकरी करने वाले वीरेंद्र ने दो महीने पहले ही रवि के साथ महावीर मेडिकल में पार्टनशिप की थी। इसके बाद से दुर्गा स्थान गली के रहने वाले गुड्डू और उसका भाई रंगदारी मांग रहे थे, जिस पर वीरेंद्र ने आपत्ति जताई थी। रिंकू देवी के अनुसार बुधवार की शाम 4 बजे के करीब वह अपने पति के साथ बाजार गई थी। घर का काफी सामान खरीदना था। शेखपुरा बगीचा के ब्रह्मस्थान गली में घर है। घर के नीचे में ही किराना दुकान है। इस दुकान को पत्नी खुद चलाती है। शाम में 6:30 बजे के करीब दोनों बाजार से लौटे, पर घर वाली गली के मोड़ पर ही पत्नी को छोड़कर वीरेंद्र वहीं से दवा दुकान चले गए। इसके बाद वह पिंटू के पास चले गए थे। रात में 8 बजे के करीब दवा दुकान का पार्टनर रवि भागते हुए घर पर आया। उसने ही बताया कि आपके पति को गोली मार दी गई है। इसके बाद परिवार के लोग भागते हुए वहां पहुंचे।
सांसें चल रही थीं मगर सामने दिखे मैक्स हॉस्पिटल ने गेट बंद कर लिया
IGIMS के गेट नंबर-3 के पास मैक्स नाम का एक प्राइवेट हॉस्पिटल है। रिंकू देवी के अनुसार जब वह अपने बेटों के साथ घटनास्थल पर पहुंची थी, तब उनके पति की सांसें चल रही थीं। जान बचाने के लिए वे लोग जल्दी से मैक्स हॉस्पिटल में ले गए, पर वहां के स्टाफ ने मेन गेट को बंद कर दिया। गोली लगने के बाद गंभीर रूप से घायल वीरेंद्र यादव को एडमिट नहीं किया। इस कारण IGIMS ले जाना पड़ा और वहां पहुंचते ही उनकी सांस थम गई। डॉक्टर ने उनकी मौत की पुष्टि कर दी। मैक्स हॉस्पिटल वालों ने जानबूझकर ऐसा किया। अगर वो तुरंत एडमिट कर लेते तो शायद वीरेंद्र की जान बच सकती थी।
लगातार मांगी जा रही थी रंगदारी, धीरज ने मारी गोली
बेटे हिमांशु के बयान पर शास्त्रीनगर थाने में जय कुमार, नीतीश, धीरज, संदीप, गुड्डू गुंडा, राहुल उर्फ भक्कू, नीतीश उर्फ कल्लू और 4-5 अज्ञात के खिलाफ FIR नंबर - 152/2021 दर्ज की गई है। इस मामले में पुलिस ने जांच करते हुए लाइनर व होटल चलाने वाले पिंटू को सबसे पहले पकड़ा। इसके बाद उस शख्स को पकड़ा, जो बाइक पर शूटर के पीछे बैठा था। अब तक दो लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर पाई है। इनसे पूछताछ में पता चला कि गोली मारने वाला धीरज था, जो अभी फरार है। धीरज समेत FIR में शामिल अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।
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