खगड़िया सिविल कोर्ट में जज हाजीपुर के आदित्य प्रकाश और पटना सिविल कोर्ट में जज आयुषी कुमारी सोमवार को बिना दहेज और बिना परंपरा के संविधान की शपथ लेकर विवाह बंधन में बंध गए। बिल्कुल नए अंदाज में दिन के उजाले में यह शादी महज 40 मिनट में संपन्न हो गई। न बैंड बाजा, न बाराती, न कन्यादान, न सिंदूरदान, न ही अग्नि के सात फेरे लिये।
जयमाला के बाद दूल्हे ने शपथ ली-मैं अपनी पत्नी को अधिकार देता हूं कि वह अब सिंदूर का इस्तेमाल सौंदर्य प्रसाधन के रूप में करेगी। राजधानी के आम्रपाली रेस्टोरेंट में आयोजित इस शादी की खास बात यह भी रही कि पहले दुल्हन ने शपथ पत्र पढ़ा। इसके बाद दोनों ने एक साथ शपथ पत्र पढ़ने के बाद एक-दूसरे को डाल दी जयमाला। इस तरह सदा के लिए एक-दूसरे के हो गए।
इस अनोखे विवाह समारोह में वर-कन्या पक्ष से 100 लोग हुए शामिल
इस अनोखे विवाह समारोह में वर और कन्या पक्ष से महज 100 लोग शामिल हुए। इनके लिए खाने का भी प्रबंध था। इस सादगी वाली बिना दहेज की शादी के गवाह रहे पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में राजनीति शास्त्र के प्राध्यापक डॉ. दिलीप कुमार ने बताया कि दोनों ने सादगी की मिसाल पेश की है। इससे समाज में दहेजरहित शादी के लिए लोग प्रेरित होंगे।
अक्सर शादियां रात में होती हैं। ऐसे में डेकोरेशन और लाइटिंग के साथ कई तरह के खर्च होते हैं। लड़की पक्ष को अक्सर कर्ज लेकर बेटी की शादी का इंतजाम करना पड़ता है। लेकिन, आदित्य प्रकाश और आयुषी कुमारी ने अपनी पारिवारिक सहमति से कम से कम खर्च हो, इसलिए दिन में ही शादी की। आयुषी पूर्णेन्दू नगर फुलवारीशरीफ की रहने वाली हैं। आदित्य प्रकाश हाजीपुर के युसूफपुर के रहने वाले हैं।
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