जमीन का दाखिल खारिज कराने पर नाम के साथ नक्शा भी बदलेगा। अब लोगों को दाखिल खारिज के लिये रजिस्टर्ड डीड के साथ जमीन का नक्शा भी जमा करना होगा। इसके लिये विधानसभा के चालू शीतकालीन सत्र में बिहार भूमि दाखिल खारिज (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश होगा। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत कुमार इस आशय से संबंधित विधेयक सदन में पेश करेंगे।
हालांकि फिलहाल अंचल अधिकारी सर्वे खतियान के आधार पर दाखिल खारिज करते रहेंगे और विशेष सर्वेक्षण तहत निर्मित खतियान/नक्शा के अंतिम प्रकाशन के बाद डिजिटाइज्ड नक्शा में आवश्यक बदलाव सुनिश्चित करेंगे। राज्य में भूमि विवाद को नियंत्रित करने में यह काफी कारगर होगा। इससे छोटे- से- छोटे जमीन के टुकड़े का क्रय- विक्रय कितनी भी बार हो नक्शा होने से चौहद्दी का विवाद नहीं होगा। जमीन रजिस्ट्री के साथ ही ऑनलाइन नक्शा भी अपडेट हो जायेगा।
अभी है यह व्यवस्था : विवाद होता था
अब तक दाखिल खारिज में आवेदन के साथ सिर्फ रजिस्टर्ड डीड जमा करना होता था। दाखिल खारिज के बाद जमीन के चौहद्दी के साथ नाम बदल जाता है। नाम परिवर्तन के साथ खाता, खेसरा, रकबा का आकार व चौहद्दी का जिक्र रहता है। इसमे कौन से भाग की रजिस्ट्री हुई, उसका नक्शा नहीं रहने से कई बार विवाद की स्थिति बन जाती है।
अब होगा : प्लॉट का नक्शा भी रहेगा
नयी व्यवस्था में जमीन के दस्तावेज में नाम परिवर्तन के साथ खाता, खेसरा और रकबा और चौहद्दी के साथ प्लॉट का नक्शा भी रहेगा। पहले जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिये निबंधन कार्यालय में जमीन के कागजात के साथ नक्शा जमा करना होगा। फिर अंचल कार्यालय में आवेदन में रजिस्टर्ड डीड के साथ नक्शा जमा करना होग।
डिप्लोमा-डिग्रीधारी इंजीनियरों का पैनल
सरकार द्वारा राजस्व मानचित्र बनाने के लिये सिविल इंजीनियरिंग में (डिप्लोमा/डिग्री) वाले अभ्यर्थियों का जिलावार पैनल बनाया जायेगा। चिन्हित सक्षम एजेंसी/व्यक्तियों की पात्रता और शैक्षणिक योग्यता के संबंध में आवश्यकतानुसार परिवर्तन किया जा सकेगा। राजस्व मानचित्र बनाने के लिये शुल्क का निर्धारण किया जायेगा।
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