जिस वक्त कोरोना की दूसरी लहर पटना में पीक पर थी, उस दरम्यान राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल PMCH कैंपस में एक दिन में दो बार गोली बारी की वारदात हुई थी। दिन में घर के बाहर बैठे मो. शोएब को अपराधियों ने सिर में गोली मारी थी। शोएब कुख्यात अपराधी रहे मो. अलाउद्दीन उर्फ बिकाउ की गैंग सदस्य था। इस घटना के बदले में कुछ घंटे बाद ही बिकाउ के लोगों ने PMCH कैंपस के अंदर टाटा वार्ड से लेकर प्रिंसिपल ऑफिस तक गोलीबारी की थी। इस घटना में एक पेशेंट की अटेंडेंट समेत दो लोगों को गोली भी लगी थी। यह पूरा मामला 4 मई का है।
करीब दो महीने बाद पटना पुलिस को इस कांड में सफलता मिली है। 4 मई को शाम के वक्त PMCH में ताबड़तोड़ फायरिंग करने के मामले में TOP प्रभारी अमरेंद्र कुमार और उनकी टीम ने फरार चल रहे मो. परवेज और उसके साथी आयुष सिन्हा को गिरफ्तार किया है। वारदात के बाद से दोनों फरार चल रहे थे। पूछताछ में पता चला कि इन दोनों ने दानापुर के खगौल इलाके में अपना एक ठिकाना बना रखा था। वहीं छिपकर ये दोनों रह रहे थे। अपनी पहचान छिपाकर दोनों PMCH के पास पहुंचे थे।
जैसे ही इसकी जानकारी पुलिस को हुई टीम ने छापेमारी कर गिरफ्तार कर लिया। पकड़ा गया मो. परवेज बिकाउ का साला है। दरअसल, इस वारदात के पीछे की मुख्य वजह वर्चस्व की लड़ाई थी। सरकारी हॉस्पिटल होते हुए भी PMCH कैंपस में प्राइवेट एंबुलेंस वालों का दबदबा है। पहले सिर्फ बिकाउ का गैंग इसे ऑपरेट करता था। लेकिन, जब उसकी हत्या हो गई तो दूसरा गैंग वहां खड़ा होने लगा। इसी वर्चस्व के चक्कर में गोलीबारी हुई। पकड़े जाने के बाद दोनों आरोपियों से पूछताछ भी हुई और उन्होंने भी इसी बात को माना भी। इस केस में कुल 9 लोगों को नामजद किया गया था। अब तक 3 मुख्य आरोपी पकड़े गए हैं। 6 नामजद आरोपी अब भी फरार चल रहे हैं। जिन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी चल रही है।
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