सेना में बिहार रेजीमेंट के हवलदार रमेश कुमार का शव मंगलवार की सुबह दिल्ली से पटना के विक्रम पहुंचा। जवान का शव पहुंचते ही चारों तरफ चीख-पुकार मच गया। हवलदार रमेश कुमार ने अपनी बेटी के हाथ पीला करने का सपना संजो रखा था. लेकिन उनका यह सपना, सपना ही रह गया।
पटना के विक्रम थाना अंतर्गत खौराठ गांव के निवासी रमेश कुमार श्रीनगर में ड्यूटी पर बतौर हवलदार तैनात थे। 15000 फुट की ऊंचाई पर हाड़ गला देने वाली बर्फ के बीच फंस जाने के कारण उनकी हृदय गति थम गई थी। रमेश कुमार को इलाज के लिए दिल्ली लाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। खबर सोमवार की देर रात उनके घर पहुंची और फिर पूरे गांव में कोहराम मच गया।
गांव के तेज नारायण ने बताया कि रमेश कुमार के 2 बच्चों में बड़ी बेटी निधि कुमारी की शादी करनेवाले थे। तैयारी अभी से ही शुरू कर दी थी। कहना था कि बेटी की शादी में पूरे गांव को निमंत्रण दूंगा. लेकिन भगवान को शायद कुछ और ही मंजूर था। रमेश का 12 वर्ष का बेटा सूर्यकांत पिता की शहादत पर इस कदर टूटा कि एक तरफ खड़ा टुकुर-टुकुर उनके चेहरे को निहारता रहा। तिरंगे में लिपटे रमेश कुमार के शव को बिहार रेजिमेंटल सेंटर के जवानों ने गांव में गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद दीघा घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया।
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