बिहार में कोरोना संक्रमण के आंकड़े तेजी से बढ़े हैं। लिहाजा जांच केंद्रों पर भी भीड़ बढ़ गई है। जिन जांच केंद्रों पर कभी 50 से 100 लोग रोजाना पहुंचते थे, आज वहां 400 से 500 लोग जांच के लिए पहुंच रहे हैं। खुद जांच केंद्र पर तैनात कर्मी आ रही लोगों की भीड़ से हलकान हैं। लेकिन, आंखों-देखे और कानों सुने इस सच को बिहार का स्वास्थ्य विभाग सिरे से खारिज कर रहा है। क्योंकि, स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जांच की संख्या घटी दिख रही है।
पटना के गार्डिनर रोड अस्पताल की कोरोना जांचकर्मी निशि आनंद, उन स्वास्थ्यकर्मियों में से एक हैं, जिन्होंने दो बार संक्रमण झेला था। निशि एक बार फिर अपने काम पर तैनात हैं। सुबह साढ़े नौ बजे से लोगों की जांच करती निशि कहती हैं- 'काम बहुत ज्यादा बढ़ गया है। वजह है कि आनेवाले लोगों की संख्या लगभग 5 गुनी हो गई है।'
निशि के मुताबिक दिसंबर तक यहां 50 से 100 लोग जांच के लिए आते थे, लेकिन अब यह संख्या 400 से 500 हो गई है। यहां जांच केंद्र एक ही है, जिस पर बारी-बारी से 3 लोग ड्यूटी कर रहे हैं। इस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. मनोज के मुताबिक भी जांच कराने वालों की संख्या लगभग 5 गुना बढ़ गई है।
सरकारी आंकड़ों में जांच घटी
सेंटर पर लाइन, लोगों की भीड़, निशि के बताए हालात और डॉ मनोज की दी गई जानकारी, यह सब भले ही कह रहे हों कि जांच केंद्र पर आने वालों की संख्या बढ़ी है। लेकिन, स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े कुछ और कहते हैं।
जानकारी के मुताबिक बिहार में 5 जनवरी 2022 को 1 लाख 73 हजार 745 जांच हुई थी। कुल जांच का यह आंकड़ा तब का है, जब पटना के एक सेंटर पर रोजाना 400 से 500 लोग आ रहे हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 11 दिसंबर 2021 को बिहार में हुए कुल जांच का आंकड़ा 2 लाख 22 था।
मतलब कि सेंटर पर जो भीड़ दिख रही है, निशि और डॉ मनोज जो कह रहे हैं, वो सब सही नहीं। क्योंकि स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक तो जांच कम हो गई। अब आप तय करें कि आंखों देखी और कानों सुने आंकड़े गलत हैं या स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े झूठे हैं।
जांच केंद्रों की संख्या 25 फीसदी बढ़ी
पटना सिविल सर्जन के मुताबिक पटना में कोरोना के जांच केंद्रों की संख्या 25 फीसदी बढ़ गई है। पहले जहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, उच्च प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सदर अस्पताल और सभी सरकारी अस्पतालों में यह जांच हो रही थी। वहीं, अब मोबाइल जांच केंद्र भी काम कर रहे हैं। सभी स्टेशनों पर जांच केंद्र बनाए गए हैं और इस तरह से पटना में को भी जाँच केंद्रों की संख्या बढ़ गई है। हालांकि, सिविल सर्जन इसका कोई पक्का आंकड़ा नहीं दे पा रही हैं। कुछ ऐसी स्थिति ही अन्य जिलों में भी है । जहां पर यह दावा किया जा रहा है कि कोविड-19 केंद्रों की संख्या बढ़ गई है।
स्वास्थ्य मंत्री बोले- यह आंकड़ा चौंकाने वाला नहीं
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के मुताबिक यह आंकड़े चौंकाने वाले नहीं हैं। उनकी मानें तो औसतन लगभग कई महीनों से जांच का यही आंकड़ा सामने आ रहा है इसलिए यह कोई चौंकाने वाला नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि पूरे बिहार में लगभग 20000 केंद्रों पर जांच चल रही है। इनमें से कई चलंत केंद्र है तो कई स्थाई। वहीं, अक्टूबर से अभी तक जांच केंद्रों की संख्या में कोई कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है।
बिहार में बीते कुछ दिनों में कोरोना जांच के आंकड़े
6 जनवरी 2022 को जांच | 1,73,745 |
5 जनवरी 2022 को जांच | 1,64,408 |
4 जनवरी 2022 को जांच | 1,44,675 |
3 जनवरी 2022 को जांच | 1,18,144 |
2 जनवरी 2022 को जांच | 95,875 |
1 जनवरी 2022 को जांच | 1,62,459 |
31 दिसंबर 2021 को जांच | 1,74,739 |
25 दिसंबर 2021 को जांच | 1,00,636 |
16 दिसंबर 2021 को जांच | 1,76,572 |
11 दिसंबर 2021 को जांच | 2,000,22 |
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