दवा की एक-एक खुराक के लिए मरीज भटकते हैं और यहां स्टोर में ही दवाएं एक्सपायर हो जाती हैं। पटना से लेकर ग्रामीण इलाकों के स्वास्थ्य केंद्रों में एक जैसा हाल है। पटना के सिविल सर्जन कार्यालय में अस्पतालों को भेजी जाने वाली स्लाइन जहां रखे-रखे एक्सपायर हो गई, वहीं जलजमाव के दौरान खरीदा गया चूना और क्लोरीन की गोली भी एक्सपायर होकर बर्बाद हो गया। धनरुआ PHC में तो एक्सपायर दवाओं को ही जला दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग की यह व्यवस्था आम इंसान पर भारी पड़ रही है।
धनरुआ में दवा का बड़ा स्टाक एक्सपायर, अस्पताल में ही जलाया
धनरुआ के PHC में दवा की बड़ी खेप एक्सपायर हो गई है। यहां कई ऐसी दवाएं हैं, जिसका कार्टन ही नहीं खोला गया और दवाएं एक्सपायर हो गईं। मरीजों को बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ रही है और यहां दवाएं रखे-रखे ही एक्सपायर हो गई हैं। शुक्रवार को PHC के कैंपस में ही दवाओं के 12 कार्टन से अधिक दवाओं जला दिया गया है। इन दवाओं का कार्टन खोला ही नहीं गया था। इस पर सील लगी हुई थी। इसके साथ ही अधिक संख्या में अन्य दवाएं भी जलाई गई हैं, जो एक्सपायर हो गई थी। अब सवाल यह है कि दवाएं एक्सपायर क्यों हो गईं। मरीजों में अगर दवाओं का वितरण किया गया होता तो ऐसा नहीं होता, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले में जमकर मनमानी की है।
दवाओं के एक्सपायर होने के पीछे कमीशन का खेल तो नहीं!
अस्पतालों में दवाओं के एक्सपायर होने के पीछे कमीशन के खेल को भी नकारा नहीं जा सकता है। अधिकतर डॉक्टर दवाएं ही ऐसी लिखते हैं जो अस्पताल में नहीं मिलती हैं। मरीजों को इसके लिए अपनी जेब ढीली करनी ही पड़ती है। पटना से लेकर अन्य अस्पतालों का यही हाल है। हालांकि इसके दवाओं के एक्सपायर होने के पीछे स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इस बार लॉकडाउन के कारण मरीजों की संंख्या कम होने के कारण ही दवाएं एक्सपायर हुई हैं।
पटना में क्लोरीन की गोलियों से लेकर स्लाइन तक एक्सपायर
पटना में क्लोरीन की गोलियों से लेकर स्लाइन तक की बड़ी खेप एक्सपायर होकर खराब हो गई है। सिविल सर्जन कार्यालय में 1000 से अधिक स्लाइन की बोतलें एक्सपायर हो गई हैं। इन्हें अस्पतालों में मरीजों के उपयोग के लिए भेजना था लेकिन कार्यालय में स्टोर में ही एक्सपायर हो गईं। इसी तरह जल जमाव के दौरान पटना में प्रभावित इलाकों में क्लोरीन की गोलियां बांटने को खरीदी गई थी। यह भी एक्सपायर हो गई हैं। सिविल सर्जन कार्यालय के पास गर्दनीबाग अस्पताल में एक्सपायर क्लोरीन की गोलियों की पूरी खेप पड़ी है। गोलियां खुद से नष्ट हो रही हैं। इसी तरह जल जमाव के दौरान ही चूना और ब्लीचिंग पाउडर की खरीद भी बड़े पैमाने पर हुई थी। वह भी सब खुले में रखने के कारण खराब हो गया। इसे भी लोगों में बांटा ही नहीं गया।
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