समस्तीपुर के गैंगस्टर भाइयों की पुलिस से पुरानी अदावत रही है। बिहार में एक साल में तीन पुलिसकर्मियों के खून से होली खेली थी, लेकिन UP की पुलिस उन पर भारी पड़ी। 15 दिन के अंदर वहां की पुलिस ने अपने दरोगा पर हमले और पिस्टल लूटने का बदला ले लिया, जबकि बिहार पुलिस उन तक पहुंचने में साल बीता दिए थे। तीनों भाइयों ने बिहार में 2 दरोगा समेत 7 हत्याएं कर चुके थे। आइए जाने इस गैंगस्टर फैमिली मेंबर्स की खैफनाक कहानी...
समस्तीपुर के नंद गोलवा गांव के शिवशंकर सिंह के पांच बेटों में सिर्फ बड़े बेटे को छोड़कर चार भाइयों ने अपनी फैमिली गैंग बना ली थी। लल्लन सिंह, रजनीश सिंह, मनीष सिंह और बबुआ सिंह के निशाने पर पुलिसकर्मी और उनके हथियार ही रहते थे। इसका अंदाजा उनके अपराध से लगाया जा सकता है। डेढ़ साल में उन्होंने एक रिटायर्ड दरोगा समेत 3 दरोगा पर हमला किया। हर बार गोली कंधे पर मारते और उनके पिस्टल-रिवॉल्वर लूट लेते।
पहला शिकार उन्होंने नालंदा में मार्च 2016 में रिटायर्ड ASI भुनेश्वर सिंह को बनाया। इनके कंधे पर गोली मार कर पिस्टल लूट लिया। साल अप्रैल में ही बाढ़ में दरोगा को उसी तरह गोली मारी और पिस्टल लूट लिया। इसमें दरोगा की मौत हो गई। 24 सितंबर 2016 में ही फतुहां फोरलेन पर एएसआई रामराज चौधरी को गोली मारकर हत्या कर दी और रिवॉल्वर लूट लिया। तीनों मामलों में तीन बात कॉमन थी। पहला-सुनसान जगह पर गोली मारी गई थी। दूसरा- तीनों ड्यूटी पर नहीं थे। तीसरी बात-तीनों को कंधे पर गोली मारी गई है।
बिहार पुलिस पहचानने में एक साल लगा दिए
एक साल में बंदर बिहार पुलिस पर हमले से बिहार पुलिस हिल गई। उस समय के एसएसपी मनु महाराज बाढ़ और फतुहा में दरोगा की हत्या मामले की जांच कर रहे थे। पुलिस की जांच में यह तो क्लियर हो गया कि सभी हमले एक ही गैंग ने किए हैं। लेकिन पुलिस आरोपियों तक नहीं पहुंच सकी।
इन्हीं लूटे हथियारों के दम पर गैंगस्टर फैमिली ने 2016 में ही बाढ़ में पंजाब नेशनल बैंक में डकैती डाली। गार्ड समेत 3 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। 60 लाख कैश लूटकर भाग गए। पुलिस जांच करती हैं। इस जांच में पता चलता है कि जिस गोली ने तीन लोगों की जान ली है, वह पुलिस के लूटे हथियारों से ही चले हैं। अब पुलिस इस गैंग के पीछे लग जाती है।
इसी दौरान सर्विलांस और जांच के दौरान पता चलता है कि लूट करने वाले समस्तीपुर की चार भाइयों की गैंग हैं। पुलिस गांव में छापा मारती है और लल्लन सिंह, रजनीश सिंह, मनीष सिंह को 45 लाख रुपए के साथ गिरफ्तार कर लेती है।
5 साल जेल में रहे पर सुधरे नहीं
तीनों भाई 5 साल जेल में रहे, लेकिन तीनों नहीं सुधरे। नौ सितंबर 2022 को बाढ़ कोर्ट में पेशी के दौरान हाजत से भाग निकले। इस दौरान भी वे वारदात करते रहे। बिहार से अपराध करते-करते उत्तर प्रदेश पहुंच गए। वहां पर भी वहीं गलती की जो बिहार में करते आए थे। 8 नवंबर की शाम वाराणसी के रोहनिया क्षेत्र में दरोगा अजय यादव को गोली मारकर सरकारी पिस्टल, कारतूस, पर्स और मोबाइल लूट लिए।
... और यूपी पुलिस ने कर दिया एनकाउंटर
वाराणसी पुलिस ने सोमवार की सुबह एनकाउंटर में रजनीश सिंह, मनीष सिंह को ढेर कर दिया। एनकाउंटर भेलखा गांव के पास रिंग रोड पर हुआ। आमने-सामने की तकरीबन 15 राउंड से ज्यादा की फायरिंग हुई थी। तीसरा भाई लल्लन सिंह पुलिस को चकमा देकर भाग निकला।
दोनों ने 11 साल पहले अपराध की दुनिया में कदम रखा था
पुलिस के अनुसार, दोनों भाइयों ने 11 साल पहले अपराध की दुनिया में कदम रखे थे। इनके अलावा उनके दो अन्य भाई और उनका पिता भी अपराध से जुड़ा है। बिहार पुलिस के अनुसार, चारों भाई कम समय में बहुत पैसे वाला अमीर बनना चाहते थे।
वाराणसी एनकाउंटर में ढेर समस्तीपुर के दो भाई:पटना में 60 लाख की बैंक डकैती की; 2 महीने पहले पेशी से भागे थे
समस्तीपुर जिले के दो सगे भाइयों को उत्तर प्रदेश में एनकाउंटर के दौरान ढेर कर दिया गया है। तीसरा भाई फरार है। एनकाउंटर में मारे गए रजनीश सिंह और मनीष सिंह मोहिउदीननगर थाना क्षेत्र के नंद गोलवा गांव के रहने वाले हैं। तीनों भाइयों ने 2016 में पटना के बाढ़ में पंजाब नेशनल बैंक से 60 लाख रुपए लूट लिए थे। बिहार पुलिस ने 45 लाख रुपए के साथ पकड़ा था। पेशी के दौरान बाढ़ कोर्ट की हाजत से तीनों भाग गए थे। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
वाराणसी में ढेर दोनों बदमाश 11 साल से चुनौती थे:बिहार में बैंक से 60 लाख रुपए लूटे; 2 महीने पहले कोर्ट से फरार हुए थे
वाराणसी में आज पुलिस मुठभेड़ में मारे गए बिहार निवासी दो सगे भाई 11 साल पहले अपराध की दुनिया में कदम रखे थे। दोनों बदमाशों के अलावा उनके दो अन्य भाई और उनका पिता भी अपराध से जुड़ा है। बिहार पुलिस के अनुसार, चारों भाई कम समय में बहुत पैसे वाला अमीर बनना चाहते थे। इसी वजह से उन्होंने अपराध की दुनिया में कदम रखा था। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
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