नगर निगम ने थ्री स्टार रेटिंग का किया दावा:पटना को गार्बेज फ्री सिटी बनाने की तैयारी

पटना2 महीने पहले
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पटना नगर निगम (फाईल फोटो)। - Dainik Bhaskar
पटना नगर निगम (फाईल फोटो)।

पटना को गार्बेज फ्री सिटी अर्थात कूड़ा-कचरा मुक्त शहर घाेषित किया जाएगा। इसकी तैयारी नगर निगम ने शुरू कर दी है। निगम ने पहली बार थ्री स्टार रेटिंग का दावा केंद्रीय आवास एवं शहरी मंत्रालय के समक्ष किया है। इस दावे पर यदि किसी भी नागरिक को आपत्ति है, तो वह सात दिनों के अंदर नगर निगम कार्यालय आकर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करा सकता है।

देशभर में केवल इंदौर को 7 स्टार, 9 शहरों को 5-स्टार, 143 शहरों को 3-स्टार और 147 शहरों को 1-स्टार का दर्जा प्राप्त है। अभी तक पटना को कोई भी स्टार रेटिंग प्राप्त नहीं है। इसबार रेटिंग मिलने के बाद स्वच्छता सर्वे-2023 में स्टार रेटिंग वाले शहरों के बीच पटना भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगा।

थ्री स्टार रेटिंग के लिए स्वच्छता सर्वे 2023 की टूल किट में दिए गए मापदंडों के हिसाब से जो तैयारी की गई है, उसका पूरा डॉक्यूमेंट मंत्रालय की वेबसाइट पर भेजकर दावा करना होगा। इसके बाद किए गए दावों की हकीकत को केंद्रीय टीम परखेगी। पटना के सभी 75 वार्डों की जनता से फीडबैक लेने के बाद ही स्टार रेटिंग प्रदान की जाएगी।

रेटिंग से फायदा : बढ़ेगा केंद्रीय अनुदान

स्टार रेटिंग शहरों को केंद्र सरकार की ओर से विकास योजनाओं के लिए फंड प्राप्त होता है। पटना को कोई स्टार रेटिंग हासिल नहीं है, इसलिए केंद्र से कोई राशि नहीं मिल रही है। फंड के मकसद से ही इसबार पूरी ताकत लगाई जा रही है। इसके लिए इंदौर की कंपनी एचएमएस को जिम्मेदारी दी गई है। कंपनी की टीम शहर के कूड़ा प्वाइंट को समाप्त करने के काम में जुटी हैै।

ऐसी हालत रहते कैसे मिलेगी थ्री स्टार रेटिंग

100 फीसदी कचरा उठाव नहीं

नगर निगम ने कचरा उठाव वाले वाहनों की संख्या बढ़ा दी है। लेकिन अब भी सौ फीसदी डोर टू डोर कचरा कलेक्शन नहीं हो पा रहा है। बड़ी संख्या में लोगों की शिकायत है कि समय पर कचरा वाहन नहीं आते। दो-दो दिन पर भी आने की भी शिकायत की जाती है। कचरा कलेक्शन में लगाई गई निजी कंपनियाें द्वारा लापरवाही की जा रही है। हालांकि अब नगर निगम ने कचरा वाहनों के साथ विशेष टीम को भी इस काम में लगा दिया है, ताकि किसी तरह की लापरवाही ना हो।

साफ-सुथरा टॉयलेट नहीं

नगर निगम ने हाल ही में गंगा घाट पर बने सभी शौचालयों की स्वच्छता की जिम्मेदारी महिलाओं की टीम को दी है। इधर, पटना स्मार्ट सिटी ने जगह-जगह ई-टॉयलेट की सुविधा प्रदान की है। ई-टॉयलेट में सबकुछ ऑटोमेटिक सिस्टम है, जिससे साफ-सुथरा शौचालय शहर के लोगों को मिल सके। लेकिन इतने सारे प्रयास के बाद भी साफ-सुथरे सार्वजनिक टॉयलेट की कमी है।

कचरा निस्तारण में हम पीछे

घरों व संस्थानों से निकलने वाले रोजाना के कचरा का निस्तारण करने की दिशा में नगर निगम बहुत बेहतर स्थिति में नहीं है। वेस्ट मैनेजमैंट को मजबूत करने के बाद ही शहर में रोजाना निकलने वाले कचरा को निष्पादित किया जा सकेगा। बैरिया में वेस्ट मैनेजमेंट की स्थिति बहुत बेहतर नहीं है। कचरा से खाद बनाने की प्रक्रिया व इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर की काफी कमी है।

अब भी कचरा प्वाइंट मौजूद

पिछले साल 5 दिसंबर से शहर में कचरा प्वाइंट को समाप्त करने की मुहिम शुरू की गई। अबतक 620 कचरा प्वाइंट हटाए जा चुके हैं। हालांकि अभी भी शहर के कई हिस्सों में कचरे का ढेर दिख जाता है।

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