"ए राजा तनी जाई न बहरिया" गाने से भोजपुरी जगत में धूम मचाने वाले राकेश मिश्रा भोजपुरी इंडस्ट्रीज पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि भोजपुरी इंडस्ट्रीज कुछ लोगों की वजह से बर्बाद हो चुकी है। यहां सुबह भी कचरे के साथ होती है और रात भी कचरे के साथ होती है। उन्होंने कहा कि इस इंडस्ट्रीज में कोई नियम और कानून नहीं होने की वजह से लोग खूब गलत फायदा उठाते हैं। पिछले 45 सालों में ये इंडस्ट्री नहीं सुधरी है। यहां बात-बात में गाली-गलौज होती है। ऐसे लोगों को शाबाशी भी मिलती है।
आपको बता दें कि बीते दिनों भोजपुरी के दो सुपरस्टार खेसारी लाल यादव और पवन सिंह आपस में सोशल मीडिया पर भीड़ गए थे। और अपने फेसबुक पेज के माध्यम से लाइव आकर एक दूसरे पर बातों से हमला कर रहे थे। इशारों ही इशारों में राकेश मिश्रा ने इस मामले पर भी कटाक्ष किया है।
राकेश मिश्रा का एक और गाना 'ओ छमक छल्लो' गुरुवार को रिलीज हुआ। इस गाने को खुद राकेश मिश्रा ने गाया है। गाने के रिलीज होने के बाद दैनिक भास्कर ने भोजपुरी गायक राकेश मिश्रा से बातचीत की। आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा...
सवाल- आपका एक गाना आया था ए राजा तनी जाई न बहरिया ये गाना खूब सुपरहिट हुआ। 485 मिलियन से भी ज्यादा व्यूज मिले इस गाने की सफलता पर क्या बोलेंगे?
जवाब- ये गाना मैंने दर्शकों के मनोरंजन के लिए बनाया था और ये गाना दर्शकों को भाया भी। मुससे ज्यादा इस गाने को हिट करने में दर्शकों ने योगदान दिया। इस गाने पर रील बना-बना कर वायरल किया। कोशिश रहती है कि मैं मेहनत करता रहूं और दर्शकों के लिए मनोरंजन भरे गीत गाता रहूं।
सवाल- भोजपुरी इंडस्ट्रीज का कद देश-दुनिया में बढ़ता जा रहा है। ऐसे में भोजपुरी के कलाकार आपस में ही भीड़ जाते हैं। लाइव आकर गाली-गलौज करते है। इससे इंडस्ट्रीज पर कितना असर पड़ता है।
जवाब- गाली-गलौज करने वाले कलाकारों पर असर ही तो नहीं पड़ रहा है। ये लोग गाली गलौज करते हैं तो नीचे से इनके दर्शक इनको सपोर्ट कर देते हैं। कहते हैं वाह आज तो भैया ने गजब कर दिया। इस वजह से इनका मनोबल और बढ़ जाता है। बस जब मन किया तब माहौल बना लेते है। भोजपुरी में कोई नियम-कानून ही नहीं है। यह किसी का गाना कोई चुरा कर गा देता है।
सवाल- इस मामले पर आपकी अपनी क्या राय?
जवाब- मैं जब पैदा नहीं हुआ था तब से लेकर आज तक यही सुन रहा हूं। भोजपुरी इंडस्ट्री पिछले 45 साल से नहीं सुधरी। एक समय था जब भरत शर्मा व्यास, विष्णु ओझा लोग गाते थे तो लोग गाने के फैन हुआ करते थे। लेकिन आज लोग गाने भी जात-पात देख कर सुनते है।
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