बिहार विधानपरिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि बिहार में उद्योगों का तेजी से विकास हो रहा है। राज्य में हस्तशिल्प और हथकरघा से जुड़े पारंपरिक उद्योग सदियों से मौजूद रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोगों को आत्मनिर्भर बनाने में इन पारंपरिक उद्योगों की बड़ी भूमिका है। सोमवार को गांधी मैदान में 21 दिसंबर तक चलने वाले 16 दिवसीय नेशनल हैंडलूम एक्सपो का उद्घाटन सभापति, उप-मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, रेणु देवी और उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने किया।
उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि हम सभी का उद्देश्य रोजगार के अवसर पैदा हो। इसके लिए लघु उद्योग, पारंपरिक उद्योग से बेहतर कुछ भी नहीं। राज्य में उद्योग के लिए पैसे की कमी नहीं होने दिया जाएगा। अभी द्वितीय अनुपूरक बजट में उद्योग विभाग को 200 करोड़ आवंटित किया गया है। वहीं, उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने कहा कि आज बिहार में औद्योगिक विकास की बयार बह चली है। बड़े से लेकर छोटे उद्योग हर किसी को प्रोत्साहन दिया जा है।
हैंडलूम व पारंपरिक उद्योगों से जुड़े लोगों को मिलेगा बाजार : मंत्री
उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव पर हमने 75 मेले लगाने का लक्ष्य रखा गया है। केंद्र ने 22 मेले लगाने की अनुमति दे दी है। बाकी के लिए प्रयास किए रहे हैं। इसका सिर्फ एक मकसद है कि बुनकर, हस्तशिल्पी और अन्य पारंपरिक उद्योगों से जुड़े लोगों को बड़ा बाजार मिले। कार्यक्रम में उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव बृजेश मेहरोत्रा, तकनीकी निदेशक पंकज दीक्षित व विशेष सचिव दिलीप कुमार भी मौजूद थे।
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