कर्पूरी ठाकुर की जयंती के अवसर पर राजद कार्यालय में ' राजद समाचार ' पत्रिका का विमोचन प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, वरिष्ठ नेता अब्दुलबारी सिद्दीकी, प्रेम कुमार मणि, रामचंद्र राम आदि ने समग्र रुप से किया।
इस मौके पर बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग करने वालों को एक साथ आने की नसीहत अब्दुलबारी सिद्दीकी ने दी। साथ ही जदयू को भी एक मंच पर आने की बात कह दी है।वहीं, प्रेम कुमार मणि ने भूमि सुधार और समाज स्कूल सिस्टम से जुड़े आयोग की सिफारिश लागू करने की मांग सरकार की।
कर्पूरी ठाकुर ने समाजवाद की जो ज्योति जलाई थी- जगदानंद सिंह
इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिह ने कहा कि कोरोना की वजह से बड़े पैमाने पर कर्पूरी ठाकुर की जयंती मना पा रहे हैं। लेकिन, समय-समय पर जननायक के द्वारा दिए गए निर्देश को कर्पूरी ठाकुर विशेषांक में हमलोगों ने प्रकाशित किया है। उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने समाजवाद की जिस ज्योति को जलाया, लालू प्रसाद ने लालू प्रसाद ने बहुत परिश्रम से आगे प्रकाश किया। राजद प्रतिबद्ध है कर्पूरी ठाकुर के विचारों पर चलता रहेगा।
विशेष राज्य के दर्जे की मांग करने वालों को एकजुट होना चाहिए- सिद्दीकी
वरिष्ठ नेता अब्दुलबारी सिद्दीकी ने कहा कि देश की अभी जैसी परिस्थिति है, उसमें कर्पूरी ठाकर ज्यादा याद आ रहे हैं। कर्पूरी आज रहते तो देश की परिस्थिति वे बदलते। उन्होंने यह भी कहा कि विशेष राज्य का दर्जा के सवाल पर जदयू को अगर भाजपा अंगूठा दिखा रही है तो उन्हें सोचना चाहिए। नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार इस पर स्पेशल अटेंशन देने की जरूरत थी। उन्होंने जदयू को नसीहत दी कि जो लोग भी विशेष राज्य के दर्जे के हिमायती हैं उनके साथ होना चाहिए और भाजपा का साथ छोड़ना चाहिए।
समान स्कूल सिस्टम आयोग की सिफारिशों को लागू करें नीतीश- प्रेम कुमार मणि
लेखक प्रेम कुमार मणि ने कर्पूरी जयंती पर भूमि सुधार आयोग की सिफारिश लागू करने और समान स्कूल सिस्टम के लिए बने आयोग की सिफारिश को लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि इसको लेकर एक आंदोलन करने की जरूरत है। राजद दोनों आयोग की सिफारिश लागू करने की मांग करती है। नीतीश कुमार ने दोनों आयोगों का गठन किया था, इसकी सिफारिशें भी आ गईं। अब 15 हो गए और सरकार अपना वादा पूरा नहीं कर रही।
बिहार में भूमि सुधार, शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य के मुद्दे पर काम नहीं हुआ तो प्रदेश का विकास नहीं होगा। कहा कि नीतीश सरकार डेंटिंग-पेटिंग की सरकार है। भूमि का मामला बिहार में सबसे बड़ा है। 1970 के दशक के भूमि सुधार से काम नहीं चलेगा। जो वास्तविक रुप से जमीन जोत रहे हैं उनको कुछ अधिकार दिए जाएं ताकि उनको लोन आदि मिल सके। कहा कि सरकार सामंतों से डरी हुई है। सरकार में वे सारे लोग है जो सामंतों जमींदारों की संततियां रहे हैं।
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