नमूना देकर रिपोर्ट के लिए घूम रहे संदिग्ध:पटना में 72 घंटे बाद भी नहीं मिल रही कोरोना जांच रिपोर्ट, टारगेट बढ़ा, लेकिन लैब में व्यवस्था पुरानी ही

पटना2 वर्ष पहले
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गर्दनीबाग में जांच के लिए भीड़। - Dainik Bhaskar
गर्दनीबाग में जांच के लिए भीड़।
  • अस्पतालों के चक्कर काटने वालों से संक्रमण का खतरा
  • काउंटर पर हर दूसरा आदमी पूछ रहा कब आएगी रिपोर्ट

जांच का टारगेट बढ़ते ही अब रिपोर्ट में समस्या आ गई है। नमूना देने के 72 घंटे बाद तक जांच रिपोर्ट नहीं मिल पा रही है। नमूना देने वाले संदिग्ध अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं, जिससे संक्रमण का बड़ा खतरा है। गर्दनीबाग में ऐसे कई लोग मंगलवार को रिपोर्ट के लिए भटकते मिले, जिन्हें 72 घंटे बाद भी कोई जानकारी नहीं मिली है कि वह पॉजिटिव हैं या निगेटिव। रिपोर्ट नहीं मिलने से किसी का इलाज प्रभावित है तो कोई कोरोना को लेकर डरकर परिवार से दूर है।

संक्रमण का खौफ बढ़ते ही जांच केंद्र पर भीड़
संक्रमण एक बार फिर तेजी से फैल रहा है। इस कारण जांच तेज कर दी गई है। संक्रमण को लेकर सरकार ने टारगेट भी बढ़ा दिया है, जबकि जांच लैब की व्यवस्था वही पुरानी ही है। ऐसे में रिपोर्ट को लेकर काफी परेशानी है। मंगलवार को गर्दनीबाग अस्पताल के कोरोना जांच केंद्र में काफी भीड़ रही। अधिक संख्या में लोग जांच कराने आए थे। इस बीच ऐसे भी लोग अधिक संख्या में घूम रहे थे, जिन्हें जांच की रिपोर्ट नहीं मिली थी। कोरोना संदिग्धों की भीड़ के बीच वह जांच की रिपोर्ट के लिए दौड़ रहे थे।

आखिर कब आएगी कोरोना की जांच रिपोर्ट
पटना के रहने वाले अमित कुमार का कहना है कि 2 और 3 अप्रैल को वह दो बार कोरोना की जांच के लिए नमूना दे चुके हैं। RT-PCR जांच के लिए गर्दनीबाग हॉस्पिटल के जांच केंद्र पर उन्होंने नमूना दिया था, लेकिन आज तक उन्हें रिपोर्ट नहीं मिल पाई है। अमित का कहना है कि सरकार अधिक से अधिक जांच कराने का दावा कर रही है, लेकिन जांच के बाद रिपोर्ट में तेजी की व्यवस्था नहीं करा पा रही है। वह रिपोर्ट के लिए अस्पताल का चक्कर काट रहे हैं। कोई बताने वाला नहीं है कि रिपोर्ट कब आएगी।

3 दिन से रिपोर्ट के लिए दौड़ रहे रामानंद
पटना के रहने वाले रामानंद भी 3 दिन से रिपोर्ट के लिए गर्दनीबाग हॉस्पिटल दौड़ रहे हैं। उनका कहना है कि जांच रिपोर्ट तब आएगी जब या तो कोरोना फैल जाएगा या फिर कोई अनहोनी हो जाएगी। नमूना देने के बाद जांच रिपोर्ट मिल जानी चाहिए, लेकिन इसके लिए कोई व्यवस्था नहीं बनाई गई है, जिससे काफी परेशानी हो रही है। डॉक्टर इलाज के पहले कोरोना की जांच रिपोर्ट मांग रहा है। ऐसे में इलाज भी नहीं हो पा रहा है। मंगलवार को फिर वह रिपोर्ट के लिए गर्दनीबाग हॉस्पिटल आए, लेकिन काउंटर पर भी कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है।

कोरोना रिपोर्ट नहीं मिलने से इलाज मुश्किल
गर्दनीबाग के रहने वाले मनोज कुमार सिंह का कहना है कि घर में परिवार के सदस्य बीमार हैं। लक्षण कोरोना के हैं। इस कारण से डॉक्टर इलाज करने से पहले कोरोना की जांच रिपोर्ट मांग रहे हैं। 3 दिन पहले जांच के लिए नमूना दिया गया था, लेकिन अभी तक न निगेटिव की सूचना मिली और ना ही पॉजिटिव की जानकारी हुई। ऐसे में पूरा परिवार डरा हुआ है। लक्षण कोरोना जैसा है, इस कारण से रिपोर्ट को लेकर वह दौड़ रहे हैं।

रिपोर्ट के लिए दौड़ने वालों से ऐसे बढ़ सकता है खतरा
जांच रिपोर्ट के लिए अस्पताल का चक्कर काटने वालों से कोरोना संक्रमण का खतरा है। कोरोना जांच वही लोग करा रहे हैं, जो संदिग्ध होते हैं। कोरोना के लक्षण आने के बाद ही अधिकतर लोगों को डॉक्टर जांच के लिए बोलते हैं। ऐसे में संदिग्ध लोग एक बार जांच के लिए नमूना देने हॉस्पिटल जा रहे हैं और उसके बाद रिपोर्ट के लिए चक्कर काट रहे हैं। यह दौड़ कोरोना का खतरा बढ़ा सकती है। यह हाल तब का है, जब पटना में हर दिन 10 हजार जांच होती थी। अब जांच का टारगेट 10 से बढ़ाकर 15 हजार प्रतिदिन कर दिया गया है। ऐसे में अब रिपोर्ट के लिए और समस्या होगी।