नीतीश कुमार यूपी के फूलपुर, अंबेडकरनगर या फिर मिर्जापुर से चुनाव लड़ सकते हैं। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा है कि इन तीनों जगहों के कार्यकर्ताओं की इच्छा यह है कि नीतीश कुमार वहां से लोकसभा का चुनाव लड़े। यही नहीं मीडिया से बातचीत में JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने PK को व्यापारी और BJP का एजेंट बताया।
दरअसल, नीतीश और PK की मुलाकात के बाद विपक्षी एकता और 2024 में लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज होने लगी है। मीडिया से बातचीत में ललन सिंह ने कहा कि CM नीतीश कुमार के लिए कई राज्यों से वहां के कार्यकर्ताओं ने चुनाव लड़ने के लिए आमंत्रित किया है। उत्तर प्रदेश के फूलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के सवाल पर ललन सिंह ने कहा कि फूलपुर की जनता नीतीश कुमार को चाहती है, उनका हम सम्मान करते हैं। लेकिन नीतीश जी चुनाव लड़ेंगे या नहीं ये उनको फैसला करना है।
अखिलेश यादव और नीतीश कुमार मिल जाएं तो माहौल बदल जाएगा
उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव होने में 20 महीने की देरी है। ये वहां के कार्यकर्ताओं का नीतीश कुमार के प्रति प्रेम है। उन्होंने बताया कि नीतीश कुमार को उतर प्रदेश में कई और सीट से भी चुनाव लड़ने का ऑफर आया है। अंबेडकर नगर से भी प्रस्ताव आया है, मिर्जापुर से भी प्रस्ताव आया है। अभी हम इस मामले पर कुछ नहीं कहेंगे। लेकिन इतना तय है, उतर प्रदेश बड़ा राज्य है और अगर अखिलेश यादव और नीतीश कुमार मिल जाएं तो माहौल पूरी तरह से बदल जाएगा।
जब ललन सिंह से पूछा गया कि अखिलेश यादव ने बयान दिया है कि नीतीश कुमार चाहे तो यूपी के किसी भी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं तो उन्होंने अखिलेश यादव को साधुवाद देते हुए कहा कि यह उनका बड़प्पन है। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि नीतीश कुमार जब दिल्ली गए थे तो उनके पिता मुलायम सिंह यादव से मिलने मेदांता हॉस्पिटल गए थे। वहां तीनों नेताओं ने आपस में मिलकर काफी देर तक बातचीत की थी। अब यदि अखिलेश यादव ने यह कहा है तो यह उनका बड़प्पन है और उनका साधुवाद है।
बताते चलें कि फूलपुर लोकसभा सीट कई मायनों में नीतीश कुमार के लिए सहज है। यहां का वोट बैंक कुर्मी बाहुल है। साथ ही इस लोकसभा सीट का पुराना इतिहास यह रहा है कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू यहां से तीन बार चुनाव जीत चुके हैं और पीएम बन चुके हैं। वहीं, वीपी सिंह भी यहीं से चुनाव जीते थे और प्रधानमंत्री बने थे।
ऐसे में यह कयास लगाया जा रहा है कि यदि नीतीश कुमार फूलपुर से चुनाव लड़ते हैं और जीतते हैं तो देश के प्रधानमंत्री बन सकते हैं। हालांकि ललन सिंह ने इस बात से साफ इनकार किया है कि यह चुनाव लड़ना नीतीश कुमार के ऊपर निर्भर करता है और नीतीश कुमार चाहेंगे तभी वह चुनाव लड़ेंगे।
पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए ललन सिंह ने तो यहां तक कह दिया कि PK भाजपा के एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं। PK को जेडीयू की तरफ से कोई ऑफर नहीं मिला था। पहली बार जब उन्होंने इच्छा जाहिर की थी तो नीतीश कुमार ने कहा था कि राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिलिए। तो हमने दिल्ली में डेढ घंटे बात की थी। मैंने उनको कहा दल के अनुशासन में रहकर काम करना होगा। राय किसी की अलग-अलग हो सकती है। लेकिन, दल का निर्णय सर्वोपरि होगा। यह दो शर्त यदि आप मानेंगे तो पार्टी के अंदर आप काम कर सकते हैं।
पीके ने कहा- मुख्यमंत्री ने मुझे बुलाया है लेकिन मैं नहीं जाऊंगा: ललन सिंह
ललन सिंह ने कहा- फिर उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलने की इच्छा जाहिर की। मुख्यमंत्री ने 4 बजे का समय दिया था। लेकिन दिल्ली से पटना आने से पहले सभी मीडिया वालों को सूचना दे दी थी कि हम पटना आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने मुझे बुलाया है लेकिन मैं नहीं जाऊंगा। यह सब मार्केटिंग का ही पार्ट है।
भाजपा षड़यंत्र के तहत अपनी पार्टी को विकसित करना चाहती है
JDU राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि अभी भी जो PK मुख्यमंत्री से मिलने आए थे, उनसे पहले पवन वर्मा मिलने आए थे। मुख्यमंत्री से उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर भी आपसे मिलना चाहते हैं तो मुख्यमंत्री ने कहा कि बुला लीजिए। मुख्यमंत्री से कोई मिलना चाहेगा तो क्यों मना करेंगे। CM से मिलकर बाहर निकल कर बोल रहे हैं कि उनको ऑफर मिला था। उनको ऑफर कहां मिला था। JDU की तरफ से कोई ऑफर नहीं दिया गया था। वह भारतीय जनता पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। हम लोगों की पार्टी में भी एक एजेंट के तौर पर काम कर रहे थे। वह मजिस्ट्रेट चेकिंग में पकड़ा गया। अब भाजपा नए लोगों को ढूंढ रही है। अब भाजपा जनाधार के आधार पर अपनी पार्टी को विकसित नहीं करना चाहती है। षड़यंत्र के तहत अपनी पार्टी को विकसित करना चाहती है।
बता दें प्रशांत किशोर नीतीश कुमार के आवास पर मिलने बुधवार को एक अन्ने मार्ग पहुंचे थे। ढाई घंटे तक चली इस मुलाकात को दोनों नेता अपने-अपने तरीके से बता रहे हैं। PK ने पहले तो इस बात से इनकार किया कि उनकी मुलाकात नहीं हुई। लेकिन इसकी पोल खुद नीतीश कुमार ने खोल दी। नीतीश कुमार ने इस पर ज्यादा कुछ नहीं बोलते हुए कहा कि उनसे ही पूछ लीजिए कि क्या बातें हुई।
पत्रकारों ने जब नीतीश कुमार से पूछा कि प्रशांत किशोर से क्या बातचीत हुई? इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई खास बातचीत नहीं हुई, किसी से मिलने में क्या दिक्कत है? कोई कहेगा आपसे मिलना है, तो हम क्यों नहीं मिलेंगे? मेरा तो पहले से संबंध है। हालांकि, कोई खास बातचीत नहीं हुई है। नीतीश कुमार ने कहा कि पवन वर्मा मिलने आए हुए थे। उनसे हमारा पुराना नाता है। पवन वर्मा ने फोन किया था कि प्रशांत किशोर मिलना चाहते हैं।
बयान देने पर मजबूर हुए पीके
नीतीश कुमार ने इतना जरूर कहा था कि उनसे रिश्ते पुराने हैं। जब बात सार्वजनिक हुई तो PK ने भी अपना मुंह खोला। उन्होंने कहा कि औपचारिक मुलाकात थी। PK के मुताबिक उन्होंने शराबबंदी की विफलता और कई क्षेत्रों जो कमियां हैं, उसके बारे में अवगत कराया है। लेकिन, इस मुलाकात के बाद जिस मुहिम को लेकर PK बिहार का भ्रमण कर रहे थे। इसमें नीतीश कुमार ने सेंध लगा दी।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.