राजधानी पटना के लोग आए दिन CNG जान जोखिम में डालकर बसों में यात्रा कर रहे हैं। इसकी तस्वीरें पटना की सड़कों पर चल रही बसों में दिख जाती है। 30 से 32 सीट की क्षमता वाली इन बसों में 80 से अधिक यात्री सवार होते हैं। कई बार तो तस्वीर ऐसी होती है कि बस के बाहर भी यात्री लटके होते हैं। ठीक ऐसी ही तस्वीर आज पटना के बेली रोड में देखने को मिली है।
रूट नंबर 111 पर चलने वाली बस (संख्या - BR-01-PM-1401) सुबह 9 बजे के करीब बेली रोड से गुजर रही थी। इस दौरान बस में करीब 80 लोग सवार थे। आलम यह था कि बस के दरवाजे पर भी 7 से 8 लोग सवार थे। बस में पैर रखने की जगह नहीं थी। एक पैर बस पर, दूसरा पैर हवा में। यह नजारा वाकई खतरनाक था। लेकिन इससे न बस चालक को फर्क पड़ा, न यात्रियों को। सभी बस मुस्कुराते हुए लटकते हुए जा रहे थे।
शहर में चल रही दूसरी बसों में भी दिखा यही नजारा
इसके बाद भास्कर रिपोर्टर ने पटना की सड़कों पर और भी कई बसों का जायजा लिया। यही नजारा कमोबेश सभी बसों में देखने को मिला। पटना जंक्शन से इनकम टैक्स गोलंबर के रूट में चलने वाली बस नंबर BR01P - M1396 का गेट पूरा जाम था। न अंदर बैठे यात्री आसानी से बाहर आ सकते थे और ना बाहर से कोई यात्री आसानी से अंदर जा सकता था।
इसको लेकर भास्कर ने एक सीएनजी बस संचालक से बातचीत की। संचालक ने बताया कि बस में 30 से 32 सीट हैं। लेकिन वे 40 से 45 लोगों को चढ़ाते हैं। कभी-कभी लोकल यात्री जबरदस्ती चढ़ जाते हैं। मना करने के बावजूद भी गेट पर लटक जाते हैं। इनसे कैसे निपटें, क्या करें?
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