हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी ग्रुप को काफी नुकसान हुआ है। इस रिपोर्ट में अडानी ने एसबीआई और एलआईसी का 33 हजार करोड़ रुपए का नुकसान किया है। इससे देश की संपति दांव पर लग गई है। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित मध्यम वर्गीय और गरीब परिवार के लोग हैं। इसके खिलाफ कांग्रेस कमिटी द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया है। यह प्रदर्शन गांधी मैदान के पास स्थित भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य शाखा के पास हुआ।
क्यों है ये विरोध प्रदर्शन
आम भारतीय की कीमत पर अपने करीबी दोस्तों और चुनिंदा अरबपतियों को फायदा पहुंचाने की मोदी सरकार की नीतियों से पूरा देश चिंतित है। मोदी सरकार द्वारा अडानी ग्रुप में एल.आई.सी. और एस.बी.आई जैसे सरकारी संस्थानों के बेहद जोखिम भरे लेनदेन और निवेश के बाद अब आम जनता को नुकसान उठाना पड़ रहा है। बिहार कांग्रेस मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौड़ का कहना है कि मोदी सरकार के दौर में अडानी जीरो से हीरो बन गया है। अडानी ग्रुप द्वारा को आम जनता के पैसे डूबे है उसकी भरपाई आखिर कौन करेगा? नरेंद्र मोदी की सरकार में देश में एक बड़ा घोटाला हुआ है, जो सीधे जनता से जुड़ा हुआ है।
क्या है मांग
इस विरोध प्रदर्शन में मांग की जा रही है कि मुख्य न्यायधीश के माध्यम से जो भी अडानी के मामले है उसकी जांच हो और जांच में जो भी आए वह हर रोज सार्वजनिक हो। इसके अलावा मांग है कि सदन में अडानी एलआईसी और एसबीआई पर चर्चा हो। भाजपा सरकार इस बात पर ध्यान दें और जो भी सच्चाई हो उसे जनता के सामने लाई जाए।
LIC और SBI ने अडानी ग्रुप में लगाया था काफी पैसा
अडानी ग्रुप में निवेश के कारण LIC और SBI के शेयरों में काफी नुकसान हुआ है। देश के सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी ने अडानी की कंपनियों ने काफी पैसा लगाया है। हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद, अडानी ग्रुप के शेयरों में एलआईसी निवेश का मूल्य 77,000 करोड़ रुपये से गिरकर 53,000 करोड़ रुपए हो गया। वहीं, 23,500 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। इसके अलावा एलआईसी ने 22,442 करोड़ रुपए गंवाए हैं।
क्या आया है हिंडनबर्ग रिपोर्ट में
फोरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट द्वारा अडानी ग्रुप पर आरोप है कि कंपनी ने शेयरों की कीमत को मैनिपुलेट किया है और अकाउंटिंग फ्रॉड किया है। अडानी ग्रुप ने विदेशों में कई कंपनियां बनाकर टैक्स बचाने का काम किया है। यह रिसर्च ‘अडानी ग्रुपः हाउ द वर्ल्ड थर्ड रिचेस्ट मैन इज पुलिंग द लारजेस्ट कॉन इन कॉर्पोरेट हिस्ट्री' नाम से छापी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी ग्रुप के ऊपर बहुत ज्यादा कर्ज है, जिसके कारण उनकी कंपनियों पर संदेह की स्थिति है।
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.