जुलाई से अक्टूबर तक 15 बड़ी परीक्षाएं होनी हैं। इसमें जेईई, नीट, बैंकिंग, रेलवे, एसएससी सहित कई बड़ी परीक्षाएं हैं। इन परीक्षाओं में लाखों विद्यार्थी शामिल होंगे। लेकिन, कोरोना के कारण स्कूल-कॉलेज और कोचिंग संस्थान बंद ही रहे। इससे छात्रों को परीक्षा की तैयारी करने में मुश्किलें आई हैं। अब 50 फीसदी उपस्थिति के साथ 11वीं से ऊपर के स्कूल और कॉलेजों को 12 जुलाई से खोला गया है।
हालांकि, कोचिंग अब भी बंद ही है। अगर कोचिंग संस्थान भी खुल जाए तो छात्रों को अपनी तैयारी पूरी करने में मदद मिलेगी। कोचिंग संचालकों का भी कहना है कि वे सभी गाइडलाइन का पालन करने को तैयार हैं। बुधवार को कोचिंग एसोसिएशन ऑफ बिहार (कैब) का एक प्रतिनिधिमंडल दैनिक भास्कर कार्यालय पहुंचा और उन्होंने मांग की कि जिस तरह से स्कूल-कॉलेज खोले गए हैं, उसी तरह से सरकार कोचिंग खोलने की अनुमति भी दे। कैब फाउंडर रणधीर कुमार ने कहा कि कोचिंग नहीं खुलेंगे तो बच्चों के लिए काफी मुश्किल होगी
कोचिंग बंद होने से 9.5 लाख लोगों का रोजगार भी संकट में
ये बड़ी परीक्षाएं होनी हैं जुलाई से अक्टूबर तक
जेईई मेन- तीसरा चरण 20-25 जुलाई, चौथा चरण 27-2 अगस्त, नीट- 12 सितंबर, जेईई एडवांस्ड- सितंबर में, बीपीएससी 66वीं मेन- 29 से 31 जुलाई, बीपीएससी प्रोजेक्ट मैनेजर परीक्षा- 3 अगस्त, बीपीएससी 31वीं न्यायिक सेवा मेन्स - 24 से 28 जुलाई, एसबीआई क्लर्क- 31 जुलाई, आईबीपीएस क्लर्क- 28 से 29
9वीं-10वीं के साथ कोचिंग भी खुलेंगे: मंत्री
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि 9 और 10 की कक्षा खुलने के साथ ही कोचिंग भी खुलेंगे। 15 दिनों की समीक्षा के बाद इस पर निर्णय होगा। विद्यार्थियों की कोरोना से सुरक्षा को ध्यान में रख कर सरकार निर्णय लेगी। कोरोना की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है। तीसरी लहर आने की आशंका बनी हुई है। ऐसे में पूरी स्थिति की समीक्षा के बाद ही इस पर निर्णय लिया जाएगा।
गाइडलाइन के आधार पर मिले कोचिंग को खोलने की अनुमति
कोरोना के कारण पिछले साल मार्च में बंद किए कोचिंग संस्थानों को इस साल जनवरी में खोलने की अनुमति मिली थी। 4 जनवरी से कोचिंग संस्थान खुले थे लेकिन 5 अप्रैल को कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद इसे बंद करना पड़ा। कोरोना की दूसरी लहर अब नियंत्रण में है, साथ ही सरकार की ओर से लगाए गए लॉकडाउन प्रतिबंध भी हटाए गए हैं। लेकिन कोचिंग संस्थानों को नहीं खोला गया है। दैनिक भास्कर की ओर से बुधवार को कार्यालय में आयोजित संवाद में कोचिंग एसोसिएशन ऑफ बिहार (कैब) के बैनर तले सभी कोचिंग संचालकों ने कहा कि उन्हें कोचिंग खोलने की अनुमति दी जाए।
चाणक्य आईएएस एकेडमी के रीजनल हेड डॉ. कृष्णा सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन एजुकेशन विकल्प नहीं है। कोविड के तीसरी लहर के आने से पहले अगर 3-4 महीने के लिए भी कोचिंग को खोलने की अनुमति मिलती है तो इससे छात्रों को काफी फायदा होगा।
गोल संस्थान के एमडी विपिन सिंह ने कहा कि नीट की परीक्षा की तिथि घोषित हो चुकी है। बच्चे परेशान हैं, उन्हें अभी गाइडेंस की जरूरत है। कोचिंग संस्थानों के बंद रहने से और भी कई सारी समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं। कई कोचिंग संस्थान बंद हो चुके हैं, कुछ बंद होने के कगार पर हैं। अगर ये दो-ढाई महीने का वक्त भी मिलेगा तो प्रैक्टिस बच्चे कर पाएंगे।
कैब के फाउंडर मेंबर सुधीर सिंह ने शिक्षा विभाग से कोचिंग खोलने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया है। कोचिंग का कारोबार करीब 50 हजार करोड़ रुपए का है। 9-10 लाख लोग इससे सीधे रोजगार से जुड़े हुए हैं। सभी प्रभावित हैं।
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