बाल ठाकरे के पोते आदित्य तेजस्वी-नीतीश से मिले:डिप्टी CM बोले-अभी लोकतंत्र और संविधान को बचाने की चुनौती

पटना4 महीने पहले
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शिवसेना के युवा नेता आदित्य ठाकरे पौने 2 घंटे पटना में रहे। वह उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से उनके घर पर मुलाकात की। फिर तेजस्वी के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने पहुंचे। यहां पर तीनों नेताओं में बातचीत हुई और यहां से आदित्य ठाकरे एयरपोर्ट के लिए निकल गए।

तेजस्वी ने इस मुलाकात के बाद कहा कि अभी लोकतंत्र और संविधान को बचाने की चुनौती हमारे सामने है और इसे बचाने के लिए हमसे जो बनेगा वो हम करेंगे।

वहीं शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि आज अलग-अलग विषयों पर चर्चा हुई है। देश में जो भी युवा महंगाई, रोजगार और संविधान के लिए काम करना चाहता हैं अगर वे आपस में बातचीत करते रहें तो देश में कुछ अच्छा कर सकेंगे।

लालू पर लिखी दो किताबें आदित्य ठाकरे को सौंपते तेजस्वी यादव।
लालू पर लिखी दो किताबें आदित्य ठाकरे को सौंपते तेजस्वी यादव।

तेजस्वी यादव को उनके घर पर आदित्य ठाकरे ने मराठी शॉल और शिवाजी महाराज की छोटी मूर्ति भेंट की। वहीं तेजस्वी यादव ने मिथिला पेंटिंग की चादर आदित्य ठाकरे को भेंट किया और लालू यादव पर लिखी दो किताबें दीं। यहां पर बातचीत के बाद तेजस्वी यादव उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने एक अणे मार्ग गए थे। पहले आदित्य के दौरे में सीएम से मिलने का कार्यक्रम तय नहीं था।

आदित्य ठाकरे के साथ शिवसेना सचिव अनिल देसाई और शिवसेना के सांसद और उप नेता प्रियंका चतुर्वेदी सहित कई पदाधिकारी इस मौके पर मौजूद हैं। इस मुलाकात से राजद में भी काफी उत्साह है।

आदित्य ठाकरे तेजस्वी के साथ CM नीतीश कुमार से मिलने पहुंचे।
आदित्य ठाकरे तेजस्वी के साथ CM नीतीश कुमार से मिलने पहुंचे।

शिवसेना की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने बताया कि आदित्य ठाकरे और तेजस्वी यादव की यह मुलाकात काफी अहम है। दोनों नेता युवा है। और दोनों लीडर्स में आगे की राजनीति की पूरी संभावना है।

प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि अब देश आगे बढ़ा है। राजनीति आगे बढ़ी है। तो पुरानी बातों को भूल कर नए स्तर पर राजनीति करनी चाहिए। आदित्य ठाकरे और तेजस्वी यादव अपनी-अपनी क्षेत्र के युवा नेता है। दोनों की सोच और काम करने का तरीका आधुनिक होगा।

आदित्य ठाकरे के मुलाकात पर आरजेडी के प्रवक्ता ऋषि मिश्रा ने कहा कि दोनों नेता युवा हैं। एक उम्र के हैं। जाहिर सी बात है उनकी सोच भी एक जैसी है। देश में आगे की राजनीति कैसे हो। विपक्षी एकता कैसे मजबूत हो। इस पर चर्चा होगी।

शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे को पसंद नहीं करते थे लालू

ऐसा पहली बार होगा जब ठाकरे परिवार और लालू यादव का परिवार एक साथ इस तरह से मुलाकात करेंगे। इससे पहले शिवसेना ने महाराष्ट्र के अंदर उत्तर भारतीयों के खिलाफ राजनीति की थी। इसी वजह से लालू यादव भी शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे को पसंद नहीं करते थे। लेकिन अब राजनीति आगे बढ़ी है तो दोनों युवा नेता आज आपस में मिलेंगे तो आगे के लिए देश की राजनीति तय करेंगे।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा- कोई फायदा नहीं होने वाला है

आदित्य ठाकरे के पटना में तेजस्वी यादव के मुलाकात को लेकर भाजपा ने कड़ा रिएक्शन दिया है। भाजपा प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा है कि आदित्य ठाकरे आ जाएं या उद्धव ठाकरे आ जाएं, कोई फायदा नहीं होने वाला है। इससे पहले मुख्यमंत्री भी तमाम विपक्षी नेताओं से मिल चुके हैं। उनको किसी ने तरजीह नहीं दी।

तेजस्वी यादव तो अपने पिता की राजनीति से विपरीत राजनीति कर रहे हैं। लालू यादव ने शिवसेना की राजनीति को नकार दिया था। अब उनके खिलाफ तेजस्वी यादव जा रहे हैं। तेजस्वी यादव सत्ता के लिए कुछ भी कर सकते हैं। तेजस्वी यादव की राजनीति बिहार की जनता देख रही है।