भागलपुर में हुए करोड़ों रुपए के सृजन घोटाला के एक मामले में पटना स्थित सीबीआई की एक विशेष अदालत ने सोमवार को दो तत्कालीन बैंक प्रबंधक शंकर दास और अर्जुन दास को न्यायिक हिरासत में लेने के बाद जेल भेजने का आदेश दिया। सीबीआई ने बैंक ऑफ बड़ौदा के दो तत्कालीन प्रबंधकों को कोलकाता से गिरफ्तार करने के बाद ट्रांजिट रिमांड के आधार पर पटना सिविल कोर्ट स्थित सीबीआई की विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश किया था।
जहां से दोनों बैंक प्रबंधकों को न्यायिक हिरासत में लेने के बाद अदालत ने 18 नवंबर 2022 तक के लिए जेल भेजने का आदेश दिया। मामला भागलपुर के महिला सशक्तीकरण एवं सुदृढ़ीकरण की विभिन्न सरकारी योजनाओं की करोड़ों रुपयों की राशि के एक आपराधिक षड्यंत्र के तहत बैंक कर्मियों की मिलीभगत से सृजन नामक स्वयंसेवी संस्था के माध्यम से धोखाधड़ी एवं जालसाजी पूर्वक गबन करने का है। प्रस्तुत मामले में भागलपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी केपी रमैया के हस्ताक्षर से आरबीआई की अनुमति लिए बिना बैंक खाते खोले गए और फिर उन खातों के माध्यम से सृजन संस्था के खाते में करोड़ों रुपयों का स्थानांतरण किया गया।
इस मामले में सीबीआई ने इस मामले की प्राथमिकी 14 ए/2017 के रूप में दर्ज करने के बाद 28 लोगों के खिलाफ 18 मार्च 2020 को आरोप पत्र दायर किया था। समन के बावजूद अदालत में हाजिर नहीं होने के कारण रमैया समेत 10 लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया था। वर्तमान में केपी रमैया समेत आठ आरोपित फरार चल रहे हैं। सृजन घोटाले से जुड़े मामले की जांच ईडी भी अपने स्तर पर कर रहा है।
रंजीत पाल की अग्रिम जमानत की गई खारिज
दूसरी ओर इसी मामले में आरोपित इंडियन बैंक के तत्कालीन सहायक शाखा प्रबंधक रंजीत कुमार पाल की अग्रिम जमानत याचिका इसी अदालत ने सुनवाई के बाद खारिज कर दी।
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