कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 2021-22 के शैक्षणिक सत्र में अप्रैल से जुलाई तक उच्च शिक्षण संस्थानों के बंद रहने से महत्वाकांक्षी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना लड़खड़ा रही है। अब तीसरी लहर की आहट ने स्टूडेंट की बेचैनी बढ़ा दी। पिछले दिनों मुख्यमंत्री से भी जनता दरबार में कुछ स्टूडेंट ने योजना का लाभ नहीं मिलने की शिकायत की थी। शिक्षा विभाग में भी इस तरह की शिकायत आती है।
शिक्षा विभाग के अनुसार शिक्षण संस्थानों के बंद रहने के कारण स्टूडेंट के नामांकन सत्यता की जांच नहीं हो पाती है। कोरोना की पहली लहर के बाद 2020-21 सत्र में उपलब्धि मात्र 23 प्रतिशत रही थी। तब एक लाख स्टूडेंट को शिक्षा ऋण देने का लक्ष्य तय किया गया था, इसमें 23 हजार स्टूडेंट के आवेदन 666 करोड़ की ऋण के लिए स्वीकृत किए गए थे, इसमें 22778 स्टूडेंट को 592 करोड़ ऋण दिए गए।
2021-22 सत्र में 75 हजार स्टूडेंट को इस योजना का लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन 3 जनवरी तक डीआरसीसी (जिला निबंधन परामर्श केंद्र) पर 49762 स्टूडेंट ने आवेदन दिए। इसमें 28456 स्टूडेंट की 813 करोड़ शिक्षा ऋण स्वीकृत हुई। इसमें 26532 स्टूडेंट को 529करोड़ ऋण वितरित किया गया। 2 अक्टूबर 2016 से अब तक 1,43025 स्टूडेंट को 2203 करोड़ शिक्षा ऋण दिया गया है।
2021-22 में 75 हजार को स्टूडेंट को शिक्षा लोन देने का लक्ष्य, 3 तक मिला 26532 को
बैंकों द्वारा शिक्षा ऋण देने में आनाकानी के बाद एक अप्रैल 2018 से राज्य सरकार शिक्षा वित्त निगम बना कर स्टूडेंट को ऋण दे रही है। सरकार शिक्षा वित्त निगम के माध्यम से छात्रों को 4 प्रतिशत और छात्राओं व दिव्यांग स्टूडेंट को 1 प्रतिशत ब्याज पर अधिकतम 4 लाख रुपए तक ऋण दिलाती है। विभिन्न तकनीकी संस्थानों के साथ सामान्य कोर्स के लिए भी छात्र ऋण ले सकते हैं।
ऑनलाइन आवेदन : विभिन्न कोर्स पर लोन
स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है। सरकार ने कई बार कहा है कि शिक्षण संस्थानों से पास होने के बाद रोजगार मिलने पर आसानी से ऋण चुकाए। रोजगार नहीं मिलने की स्थिति में सरकार लोन माफ भी कर सकती है। राज्य के शिक्षण संस्थानों से मैट्रिक व इंटर उत्तीर्ण करने वाले छात्र-छात्राओं को इस योजना का लाभ का प्रावधान है।
लेकिन बिहार से पड़ोसी राज्यों उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल व झारखंड के लगभग चार दर्जन प्रखंडों से पास करने वाले बिहार के निवासी स्टूडेंट लाभ ले सकते हैं। इस योजना के तहत हर संकाय के साथ, इंजीनियरिंग, मेडिकल, सीए, एमबीए, बीसीए, पत्रकारिता सहित लगभग सभी उच्च शिक्षण के लिए शिक्षा ऋण लिया जा सकता है।
2020-21 में मात्र 23 प्रतिशत ही उपलब्धि रही थी। 2019-20 में 71 प्रतिशत और 2018.19 में 87 प्रतिशत उपलब्धि रही थी। 2018-19 में 34999 स्टूडेंट को 307. 43 करोड़ शिक्षा लोन मिला। 2019-20 में 45051 स्टूडेंट को 630.22 करोड़ शिक्षा लोन मिला।
योजना लड़खड़ाने के मुख्य कारण
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.