लालू यादव के 16 ठिकानों पर हुई छापेमारी के बाद की राजनीति थमने का नाम नही ले रहा है। इसको लेकर लगातार पक्ष विपक्ष के तरफ से जुबानी हमला जारी है। पूर्व उपमुख्यमंत्री और सांसद सुशील कुमार मोदी ने नौकरी के बदले जमीन मामले में लालू परिवार और RJD से पांच सवाल पूछे हैं। उन्होंने पूछा कि अगर लालू प्रसाद ने रेलवे में नौकरी देने के बदले लाभार्थी से जमीन नहीं लिखवायी थी, तो शिवानंद तिवारी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ज्ञापन देकर सीबीआई जांच की मांग क्यों की थी?
सुशील मोदी ने अपने पांच सवालों में पूछा है -
सवाल 1 - क्या यह सही नहीं कि कांति सिंह ने पटना का अपना करोड़ों का मकान और रघुनाथ झा ने गोपालगंज का अपना कीमती मकान केंद्रीय मंत्री बनवाने के बदले लालू परिवार को गिफ्ट किया था ?
सवाल 2 - लालू प्रसाद बतायें कि उनका परिवार 141 भूखंड, 30 से ज्यादा फ्लैट और पटना में आधा दर्जन से ज्यादा मकानों का मालिक कैसे बन गया ?
सवाल 3 - लालू प्रसाद ने पटना हवाई अड्डा के पास स्थित टिस्को के गेस्ट हाउस का स्वामित्व कैसे हासिल कर लिया ?
सवाल 4 - लालू प्रसाद के खटाल में काम करने वाले ललन चौधरी और हृदयानंद चौधरी के पास करोड़ों की जमीन कहां से आयी और फिर इन लोगों ने ये कीमती भूमि राबड़ी देवी और हेमा यादव को क्यों दान कर दी? विधान परिषद के चतुर्थवर्गीय कर्मचारी ललन चौधरी और रेलवे के ग्रुप-डी कर्मचारी हृदयानंद चौधरी के नाम सीबीआई की प्राथमिकी में दर्ज है।
सवाल 5- शिवानंद तिवारी ने ही 2008 में लालू प्रसाद के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की थी और जब सबूत के आधार पर कार्रवाई हो रही है, तब वे इसे राजनीतिक रंग दे रहे हैं।
सुशील मोदी के निशाने पर है पूरा लालू परिवार
बता दें कि 2015 मे JDU-RJD की सरकार बनने के बाद, सुशील मोदी के निशाने पर पूरा लालू परिवार आ गया था। उन्होंने 4 अप्रैल 2017 से लालू परिवार की बेनामी संपत्ति को लेकर लगातार 44 प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। जिसका नतीजा ये हुआ कि 26 जुलाई 2017 को सरकार गिर गई। नई सरकार 27 जुलाई को बनी थी, जिसमें सुशील कुमार मोदी उपमुख्यमंत्री बने। सुशील मोदी ने फिर से अपने पुराने दस्तावेज को निकालना शुरु कर दिया।
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