पटना की सुशीला सिंह पिछले छह साल से छठ का व्रत कर रही हैं। वह क्रिश्चन हैं। लेकिन, 2014 में हिंदू राजपूत परिवार में उनकी शादी हुई। शादी के दो साल बाद यानी 2016 से वह लगातार छठ का व्रत कर रही हैं। उनके मायके में क्रिसमस और गुड फ्राइडे ही मनाया जाता है, लेकिन शादी के बाद छठ को भी इन्होंने अपना लिया। वे पटना के कंकड़बाग में वेलहेम्स इंटरनेशनल स्कूल चलाती हैं।
छठ की बात ही कुछ और है
सुशीला सिंह का मायका पटना के पाटलिपुत्रा में है। पिता का नाम विक्टर और मां का नाम मारग्रेट। सुशीला की शादी विक्रम सिंह से हुई। लव कम अरेंज मैरिज। दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए वह कहती हैं कि मुझे क्रिश्चन धर्म मानने में कोई मनाही नहीं है। लेकिन धीरे-धीरे रुझान हिंदू धर्म में ही हो गया है। क्रिश्चयन में सिर्फ क्रिसमस और ईस्टर होता है। वह भी सेलिब्रेट करती हूं पर छठ की बात ही कुछ और है।
वह बताती हैं कि तीज-जितिया सारे पर्व करती हूं। बताती हैं कि मेरे ससुराल में काफी सालों से छठ मनाई जा रही थी। चाची सास, जेठानी करती थीं सासु मां के बाद, लेकिन अब मैं ही कर रही हूं। ससुराल के ज्यादातर लोग जमशेदपुर में रहते थे। इसलिए पहली बार छठ 2016 में जमशेदपुर में ही मनाई। सब के साथ मिलकर 4 साल वहीं छठ का व्रत किया। पिछले साल से पटना में कर रही हूं।
पिछले साल कोविड हो गया, कमजोरी बहुत थी पर व्रत किया
पिछले साल 2020 में इन्हें कोविड हो गया था। घर में सभी ने छठ का व्रत करने से मना कर दिया था। कोविड से काफी कमजोरी भी हो गई थी। लेकिन, आस्था ऐसी कि पिछले साल भी छठ किया। वह बताती हैं कि पर्व बहुत अच्छी तरह से संपन्न हो गया। इसलिए मैं कहती हूं कि सच में छठ महापर्व है। श्रद्धा के साथ कोई पूजा करेगा तो डरने की जरूरत नहीं। आप गॉड लविंग हैं तो गॉड फियरिंग होने की जरूरत नहीं।
गंगा स्नान के साथ महाव्रत शुरू
नहाय खाय के दिन गंगा में इन्होंने स्नान किया और उसी के साथ छठ का महाव्रत शुरू हो गया। कहती हैं कि गंगा जल के बिना कोई पूजा पूरी नहीं होती। लोगों को इसका मोल समझना चाहिए और गंगा में गंदगी नहीं डालनी चाहिए। गंगा सिर्फ नदी नहीं है मां है।
मेरी सारी मन्नतें पूरी की हैं छठी मईया ने
छठे साल छठ कर रहीं सुशीला सिंह कहती हैं कि छठ अपने आप में पर्व नहीं बल्कि शक्ति है जो दिखती नहीं है पर है जरूर। छठी मैया शक्ति देती हैं। मेरी सारी मन्नतें पूरी की हैं छठी मईया ने।
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