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टाटा टेक (टेक्नोलॉजी) बिहार के सभी 149 आईटीआई को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाएगी। पहले चरण में 60 आईटीआई पर 2188 करोड़ खर्च होंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि नई टेक्नोलॉजी सीखने से छात्रों को बेहतर रोजगार मिलेगा; उद्योग क्षेत्र का भी विकास होगा।
वे गुरुवार को इस मसले पर हुई उच्चस्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आईटीआई में फिजिकल व ऑनलाइन ट्रेनिंग कराने की बात कही। बोले- जिस आईटीआई की बिल्डिंग पूरी नहीं बनी है, उसे जल्द पूरा करें उसमें संस्थान को शिफ्ट किया जाए। ट्रेनरों की संख्या बढा़ई जाए।
पहले चरण में 60 आईटीआई पर खर्च होंगे 2188 करोड़
श्रम संसाधन विभाग व टाटा टेक के अधिकारियों ने प्रजेंटेशन के जरिए मुख्यमंत्री को इस पूरे प्रोजेक्ट के बारे में बताया। श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव मिहिर कुमार सिंह, टाटा टेक के उपाध्यक्ष सुशील कुमार व ग्लोबल एजुकेशन निदेशक पुष्करराज कॉलगुड के अनुसार आधुनिक मशीनें लगाकर आईटीआई को और उन्नत बनाया जायेगा। श्रम संसाधन मंत्री जिवेश कुमार ने कहा कि 60 आईटीआई को उन्नत बनाने का काम मार्च 2022 तक पूरा हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट के तहत प्रशिक्षित छात्रों को संबंधित कंपनियां रोजगार देने में प्राथमिकता देंगी।
88% राशि टाटा टेक देगी
प्रधान सचिव के मुताबिक इस प्रोजेक्ट की 88% राशि टाटा टेक तथा 12 % राशि राज्य सरकार देगी। प्रत्येक आईटीआई में 1000 स्क्वायर फीट जगह भी देगी। प्रत्येक आईटीआई में 36.48 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
ये 7 ट्रेड इनमें शामिल
इलेक्ट्रिक वाहन प्रशिक्षण, आईओटी व डिजिटल इंस्ट्रूमेंटेशन, मशीनिंग व विनिर्माण एडवाइजर, आर्क वेल्डिंग के साथ औद्योगिक रोबोटिक्स, आईटी और डिजाइन, सभी प्रकार की मरम्मत व प्लम्बिंग में काम होगा। पढ़िए पेज-4 भी
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