दो दिवसीय अखिल भारतीय हड़ताल के पहले दिन आज सार्वजनिक साधारण बीमा कंपनियों के बिहार में सारे कार्यालय पूरी तरह बंद रहे। ऑल इंडिया इंश्योरेंस इंप्लाइज एसोसिएशन के आह्वान पर यह दो दिवसीय हड़ताल किया गया था। बीमाकर्मियों ने सार्वजनिक साधारण बीमा कंपनियों के निजीकरण की नीति का विरोध करते हुए साधारण बीमा कारोबार राष्ट्रीयकरण संशोधन विधेयक को वापस लेने की मांग की।
बिहार झारखंड स्टेट जनरल इंश्योरेंस इंप्लाइज एसोसिएशन के महामंत्री मिथलेश कुमार ने बताया, 'जनरल इंश्योरेंस बिजनेस नेशनललाइजेशन एक्ट बिल से किसी भी सार्वजनिक साधारण बीमा कंपनी को किसी भी समय निजीकृत किया जा सकता है। यही नहीं बीमा कंपनियों के कर्मचारियों का वेतन अगस्त 2017 से बकाया है। प्रबंधन इस पर कोई एक्शन नहीं ले रहा है। भारत सरकार के लिए लागू पेंशन में पेंशन अपडेशन लागू है, परंतु सार्वजनिक साधारण बीमा कंपनियों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों का पेंशन अपडेट नहीं किया जाता है।
इसके अलावा उन्होंने अपनी मांग बताते हुए कहा, फैमिली पेंशन जो वर्तमान में 15% दिया जाता है, उसे 30% करने की मांग की गई है। साथ ही पेंशन अपडेशन को लागू करने की मांग की गई है । वर्तमान में नवयुवक साथियों को एनपीएस दिया जा रहा है। उसे बंद कर पेंशन स्कीम 1995 देने की मांग की गई है। जब तक यह स्कीम लागू नहीं किया जाता है तब तक एनपीएस के दर को बढ़ाकर 14% करने की मांग की गई है।
मिथलेश कुमार ने कहा, 'वर्तमान में देश में बेरोजगारी दर बढ़ता जा रहा है। जबकि सार्वजनिक साधारण बीमा कंपनियों में कर्मचारियों की संख्या 125000 से घटकर लगभग 52000 के आसपास हो गई है। जहां क्लास 3-4 की बहाली कर बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि आज प्रथम दिन का हड़ताल बिहार-झारखंड में पूर्णतः सफल रहा और सार्वजनिक साधारण बीमा कंपनियों के सभी कार्यालय पूर्णतः बंद रहे।
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