कैबिनेट का फैसला:औद्योगिक प्रतिष्ठानों में इलेक्ट्रिकल सेफ्टी जांच शुल्क में तीन गुनी बढ़ोतरी

पटना2 महीने पहले
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नीतीश कुमार। - Dainik Bhaskar
नीतीश कुमार।

राज्य के औद्योगिक प्रतिष्ठानों में इलेक्ट्रिक सेफ्टी की जांच के लिए अधिक शुल्क देना होगा। बुधवार को राज्य कैबिनेट ने ऊर्जा विभाग के 200 प्रतिशत शुल्क बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर मुहर लगा दिया है। अब औद्योगिक प्रतिष्ठानों, अस्पतालों, 15 मीटर से उंचे अपार्टमेंट में बिजली सप्लाई के देने के लिए परिसर में लगाए जाने वाले डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉमर, परिसर के अंदर की वायरिंग आदि की जांच कर रिपोर्ट लेने के लिए तीन गुणा शुल्क देना होगा। इस सेफ्टी रिपोर्ट के आधार पर बिजली कनेक्शन जारी होता है।

बिजली कंपनी मुख्यालय के अधिकारियों के मुताबिक केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सुरक्षा और विद्युत आपूर्ति से संबंधित उपाय) विनिमय-2010 के अधीन विद्युत अधिष्ठापन और उपकरणों का निरीक्षण-परीक्षण करना अनिवार्य है। वर्ष 1991 के बाद वर्ष 2000 में दर में संशोधन हुआ था। पिछले 22 साल से पुराने दर पर ही सेफ्टी जांच होती थी। इस वृद्धि का असर आम उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा। आम उपभोक्ताओं के बिजली बिल में वृद्धि नहीं होगी। किसी फैक्ट्री में ट्रांसफार्मर, तार आदि निरीक्षण फीस में बढ़ोतरी हुई है।

भोरे (गोपालगंज) में 132/33 केभी ग्रिड सब स्टेशन से संंबंधित संचरण लाइन व हथुआ ग्रिड सब स्टेशन में दो लाइन बे के निर्माण के लिए 123 करोड़ 83 लाख स्वीकृत किए गए। छपरा नगर निगम में नमामि गंगे परियोजना के तहत आईडी और एसटीपी निर्माण के लिए 242 करोड़ 63 लाख 37 हजार की राशि के विरूद्ध अनुमानित लागत 254 करोड़ 27 लाख 14 हजार की स्वीकृति दी गई। इसमें राष्ट्रीय न्यायाधिकरण (एनजीटी) के निर्धारित मापदंड के अनुसार कार्य कराने के फलस्वरूप 11 करोड़ 64 लाख खर्च राज्यांश से करने की स्वीकृति दी गई।

अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय डेहरी ऑन सोन में 10 कोर्ट भवन (जी प्लस 5), कैदी हाजत भवन और एमिनिटी भवन (जी प्लस 4) निर्माण के लिए 33 करोड़ 81 लाख 82 हजार राशि की स्वीकृति दी गई। राजकीय आयुर्वेदिक, यूनानी व होमियोपैथिक कॉलेजों की मान्यता बनाए रखने के लिए भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग या राष्ट्रीय होमियोपैथी आयोग के न्यूनतम मानक के अनुरूप सह प्राध्यापक और प्राध्यापक के रक्त पदों पर संविदा के आधार पर नियोजित करने का निर्णय लिया गया।

यह प्रावधान नियमित नियुक्ति या प्रोन्नति होने तक रहेगी। प्रोन्नति में आरक्षण का मामला कोर्ट में रहने के कारण प्रोन्नति नहीं हो पा रही है। कैबिनेट से सामान्य प्रशासन विभाग के तहत विभिन्न पद को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। इसमें वाणिज्य कर विभाग के बिहार वित्त सेवा के राज्य कर उपायुक्त, राज्य कर संयुक्त आयुक्त, राज्य कर अपर आयुक्त, राज्य कर विशेष आयुक्त आदि कई तरह के पद शामिल हैं।

दरभंगा जलापूर्ति योजना के लिए 128 करोड़

2022-23 में राज्य के नगर निकायों के लिए वाणिज्यकर विभाग द्वारा पेशाकर मद में पूर्व में की गई कटौटी 75 करोड़ सहायक अनुदान के रूप में राज्य में कार्यरत नगर निकायों के बीच जनसंख्या के आधार पर खर्च करने की स्वीकृति दी गई। दरभंगा जलापूर्ति योजना के तहत शेष 35 वार्डों में पानी की आपूर्ति के लिए 128 करोड़ 55 लाख की स्वीकृति दी गई। बुडको के माध्यम से काम होना है।

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