कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच पटना के व्यवसायी भी सहमे हुए हैं। पिछले दो सालों से कोरोना ने बाजार की मुसीबतें बढ़ दी हैं। दुकानदार समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर ग्राहक कम क्यों आ रहे हैं। व्यापारी अलग-अलग तरह से अनुमान लगा रहे हैं। पिछले लॉकडाउन का असर अब दिखने लगा है।
दुकानदार कह रहे हैं कि इस बार लॉकडाउन हुआ तो व्यापारियों की रही-सही कमर भी टूट जाएगी। राजधानी में दो बड़ी मंडियां हैं मीठापुर मंडी और बाजार समिति। दोनों जगह के दुकानदारों में एक तरह का डर है।
दुकान समेटने की सोच रहे हैं कई फल व्यवसायी
बाजार समिति पटना में गिनती के खरीददार दिख रहे हैं। दुकानदारों की परेशानी इस बात को लेकर है कि फल बेचने में काफी नुकसान हो रहा है। कृषि उत्पादित फल व्यवसायी संघ के प्रवक्ता वरुण कुमार से दैनिक भास्कर ने बात की। वे कहते हैं कि अभी तो हमें कोरोना का डर उतना नहीं लग रहा है, क्योंकि पैनिक स्थिति नहीं है, लेकिन पिछले लॉकडाउन का असर अब दिख रहा है।
डीजल-पेट्रोल की कीमत बढ़ने से भी माल भाड़ा काफी बढ़ गया है। साढ़े तीन सौ रुपए की केले की खानी पर डेढ़ सौ रुपए भाड़ा ही पड़ जा रहा है। इससे एक खानी पर सौ रुपए का नुकसान हो रहा है। लगन से हमें उम्मीद थी लेकिन वह भी मंदा चल रहा है। वे बताते हैं कि इससे अच्छी बिक्री तो पिछले साल लॉकडाउन में हुई थी। फल के कई व्यवसायी दुकान समेटने की सोच रहे हैं।
लॉकडाउन हुआ तो आफत हो जाएगी
सरोज कुमार की दुकान मीठापुर मंडी में है। वे चायपत्ती और अन्य किराना का सामान रखते हैं। वे कहते हैं कि कस्टमर के पास पैसा नहीं है इसलिए बाजार में बड़ी मंदी है। महंगाई से लोग परेशान हैं। महंगाई का असर सिर्फ ग्राहकों पर नहीं है बल्कि दुकानदारों को भी कुछ समझ नहीं आ रहा। वे कहते हैं कि डीजल- पेट्रोल के दाम तो बढ़े ही सरसो तेल के दाम भी बढ़ गए। जो लोग आधा किलो खरीदते थे अब एक पाव खरीद रहे हैं।
सरोज समझ नहीं पा रहे कि लोगों ने कैसे चाय पीना कम कर दिया है। ज्यादातर वे कहते हैं कि दुकानदार कर्ज में चले गए हैं। इस बार लॉकडाउन हुआ तो आफत हो जाएगी।
बड़ी संख्या में ऑनलाइन खरीदारी कर रहे हैं लोग
किराना दुकानदार विकास कुमार कहते हैं कि कोरोना की वजह से बड़ी संख्या में लोग ऑनलाइन खरीदारी करने लगे हैं। इसलिए बाजार में मंदी है। हमें इस बात से डर है कि अगर फिर से कोरोना बढ़ा तो लोग घरों के अंदर सिमट जाएंगे। कस्टमर का खर्च हर स्तर पर बढ़ गया है। स्कूल-ट्यूशन फीस से लेकर किराना सामान, सब्जी आदि सब तक।
राजू कुमार मीठापुर में पत्तल, गिलास आदि की दुकान चलाते हैं। वे कहते हैं कि ग्राहक आ रहे हैं। लॉकडाउन का असर आर्थिक रूप से है। लेकिन, धीरे-धीरे इसमें सुधार आ रहा है। तीसरी लहर का कोई डर हम लोगों के बीच नहीं है। ग्राहकों में भी ऐसा कोई खौफ नहीं है। लेकिन, एकाएक कोरोना बढ़ गया और बंदी हो गई तब बड़ा असर पड़ेगा।
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