भारत सरकार की 'अग्निपथ' योजना के विरोध में बिहार के कई जगहों पर उग्र प्रदर्शन देखने के मिल रहा है। इसके विरोध में बेतिया, बक्सर, आरा, दानापुर और पटना के आसपास के रेलवे स्टेशनों पर भी इसके विरोध में प्रदर्शन किया गया। इसके चलते यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
ऐसे में दिल्ली से मुजफ्फरपुर जाने वाली गाड़ी संख्या 12558 सप्त क्रांति एक्सप्रेस पिछले कई घंटे से बेतिया स्टेशन पर रुकी है। इस कारण से रेल यात्रियों के काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दैनिक भास्कर के रिपोर्टर्स ने बेतिया स्टेशन और अहमदाबाद-आसनसोल एक्सप्रेस में यात्रियों से बातचीत कर उनकी परेशानियों को समझा। यात्री राहुल कुमार ने कहा कि लखनऊ से आए हैं। ट्रेन कब से रुकी हुई है। लोग समय पर अपने घर नहीं जा पा रहें है, जबकि इस ट्रेन का स्टॉपेज यहां पर इतना देर नही है।
दूसरे यात्री मुकेश कुमार ने बताया कि मुझे मोतिहारी जाना है ट्रेन करीब एक घंटे से यहां रुकी हुई है। खाने पीने के लिए भी यहां पर कुछ नही मिल रहा है, आगे उन्होंने कहा कि प्रदर्शन का यह तरीका गलत है, यह सब करने से थोड़ी ना जॉब लग जाएगा।
इधर, अहमदाबाद-आसनसोल एक्सप्रेस में यात्रियों को पानी का भी संकट हो रहा है। बोगी के बाथरूम तक में पानी नहीं आ रहा है। ट्रेन कई घंटों से पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन से पहले रुकी हुई है। वहीं, बक्सर में लगी श्रमजीवी एक्सप्रेस के यात्रियों को भी काफी परेशानी हो रही है। तुलसी चौधरी ने बताया कि मैं गाजियाबाद से आ रहा हूं। मुझे नालंदा जाना है। ट्रेन करीब 4 -5 घंटे से यहां रुकी है। खाने की चीजें काफी महंगी मिल रही है। 50 रुपए ग्लास दूध लेकर बच्चों को पिला रहे हैं। वहीं, दूसरे यात्री अशोक कुमार राय ने बताया कि मैं सुबह 5 बजे से बैठा हूं। मुझे बक्सर से पटना जाना है, लेकिन ट्रेन कब खुलेगी इसका कोई अता पता नहीं है। खाने पीने की भी चीज़ें नहीं मिल रही हैं न ही पानी मिल रहा है।
न खाना बचा न पानी, बच्चे के दूध के लिए भी परेशान हैं यात्री
अग्निपथ योजना के विरोध के कारण रेल नेटवर्क पूरी तरह प्रभावित है। हावड़ा-दिल्ली लाइन पर चलने वाली ट्रेन घंटों जहां की तहां रोक दी गयी है। रेल प्रबंधन का कहना है कि सुबह 6 बजे के बाद पंडित दीन दयाल उपाध्याय के आगे का परिचालन पूरी तरह बंद है। दैनिक भास्कर ने अहमदाबाद- आसनसोल ट्रेन में यात्रियों से बात कर उनकी परेशानी को जाना।
राजकुमार यादव का परिवार गुरुवार सुबह 4 बजे से इस ट्रेन से यात्रा शुरू किया था। उनके साथ एक छोटा बच्चा भी है। वो कहते हैं जैसे-जैसे ट्रेन लेट हो रही है, उनकी समस्या लगातार बढ़ते जा रही है। उन्होंने यात्रा के लिए जो खाना रखा था, वो समाप्त हो गया है। स्थिति ये है कि बच्चे के लिए दूध तक नहीं बचा है। उनका परिवार ट्रेन के चलने की प्रार्थना कर रहा है।
पानी की किल्लत
एक तो गर्मी ऊपर से पानी की किल्लत। यात्रियों का कहना है कि ट्रेन ऐसी जगह पर रुक रही है, जहां न पानी मिल रहा है और खाना। समस्या इतनी ही नहीं है। ट्रेन के वाशरूम में भी अब पानी नहीं बचा है। इसके कारण सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को हो रही है। वहीं, यात्री लगातार रेल प्रबंधन से बात कर स्थिति की जानकारी ले रहा हैं। कोई इन्क्वारी के लिए दिए गए नंबर्स पर कॉल कर रहा है तो कोई स्टेशन पर उपलब्ध छोटे-से-बड़े अधिकारियों से पूछताछ कर रहा है।
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