जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बगावती तेवर अख्तियार कर लिया है। इसके बाद जदयू के नेताओं की तरफ से ही उन पर चौतरफा हमला शुरू हो गया है। हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन पर बहुत ज्यादा नहीं बोलने का फरमान जारी किया है।
फिर भी जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने उपेंद्र कुशवाहा से इस्तीफा मांगा है। उन्होंने कहा है कि जिस कोटे से वह बिहार विधान परिषद के सदस्य बने हैं। उससे वह पहले त्यागपत्र दे दें। इसके बाद कुछ कहें।
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा जो भी बयानबाजी कर रहे हैं, वो राजनीतिक मर्यादा को तार-तार कर रहे हैं। हमारे नेता पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से पहले उनमें जरा भी राजनीतिक मर्यादा और नैतिकता है, तो विधान परिषद की सदस्यता से त्याग पत्र दें...तब बयानबाजी करें।
उमेश कुशवाहा ने कहा कि हमारे नेता ने उनको कितना सम्मान देने का काम किया, अभी भी पार्टी में उनको तीसरे नंबर का जगह दिया गया। उनमें अगर जरा भी नैतिकता है तो अनर्गल बयान बंद करें। हमारे नेता ने जो आपको दिया है, उससे त्याग पत्र दें।
50 हजार प्राथमिक सदस्य नहीं बना सकने का लगाया आरोप
उमेश कुशवाहा ने आगे कहा कि उनका यहां क्या हक बनता है। वो बताएं कि दो साल में पार्टी के लिए उन्होंने क्या किया? जदयू में 75 लाख प्राथमिक सदस्य बने, जिसमें से वो 50 हजार फार्म ले कर गए। वो 50 हजार फार्म भी वापस जमा नहीं कर सके। जो 50 हजार प्राथमिक सदस्य नहीं बना सकते वो हक की बात करते हैं! उनको ज्यादा मिल गया है, जितना उनका हक नहीं था। उससे ज्यादा हमारे नेता ने उनका सम्मान किया।
उन्होंने कहा कि पार्टी कार्रवाई करेगी। लेकिन, अभी वो कह रहे हैं कि पार्टी में हैं तो पार्टी में आप की क्या भूमिका है। वही बता दीजिए। हमलोग सभी चीज को देख रहे हैं। समय आने पर कार्रवाई होगी।
जदयू के उत्तराधिकारी को लेकर है कुशवाहा का विरोध
जदयू में बागी तेवर अख्तियार कर चुके उपेंद्र कुशवाहा ने शुक्रवार को साफ कहा कि 14 मार्च 2021 को जब उन्होंने अपनी पार्टी आरएलएसपी का विलय जदयू में कर दिया था। उन्होंने जदयू की सदस्यता ले ली थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भरी सभा में कहा था कि अब आगे आप लोगों को ही पार्टी चलाना है और सब कुछ देखना है। उपेंद्र कुशवाहा ने इस बात को इसलिए कहा क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरजेडी के साथ गठबंधन करने के बाद भरी सभा में तेजस्वी यादव को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया।
अब ऐसे में उपेंद्र कुशवाहा को यह बात खल रही है कि उनकी पार्टी जदयू के रहते जदयू में नेताओं के रहते नीतीश कुमार यह घोषणा कैसे कर सकते हैं। जबकि नीतीश कुमार ने यह वादा किया था कि उनके बाद की जिम्मेदारी जदयू के दूसरे नेताओं को निभाना है।
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तो ऐसे बंटवारा चाहते हैं उपेंद्र: नीतीश को CM बनाने में कुर्मी से कुशवाहा ने दिया साथ, लालू के विरोध वाले कहां जाएंगे
बिहार की राजनीति में उपेंद्र कुशवाहा ने यह कहकर सबको चौंका दिया कि वह जदयू में अपनी हिस्सेदारी के लिए रुके हैं। वह जदयू से ऐसे नहीं जाएंगे, क्योंकि उनकी हिस्सेदारी जदयू में है। इस बात को लेकर उपेंद्र कुशवाहा बार-बार यह दोहरा रहे हैं कि बड़े भाई के कहने से छोटा भाई यदि चल चला जाएगा तो संपत्ति में हकमारी हो जाएगी। जाहिर सी बात है उपेंद्र कुशवाहा पूरी तरह से जदयू और जदयू के वोटरों को इर्द-गिर्द में रखकर यह बातें कह रहे हैं। ऐसा क्यों कह रहे हैं, किस तरह की हिस्सेदारी चाहिए...यहां क्लिक कर पढ़िए ये रिपोर्ट...
उपेंद्र कुशवाहा का क्या होगा...जानिए एक्सपर्ट से: JDU बनाने वालों में हैं, इसलिए सीधा बाहर करना मुश्किल, अंदर रहकर रोज दिखाएंगे आईना
जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा बागी हो चुके हैं। CM नीतीश कुमार से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से सवाल कर रहे हैं। CM ने तो खुलकर कह दिया है, जहां जाना चाहते हैं, चले जाएं। अब सवाल है कि उपेंद्र कुशवाहा खुद इस्तीफा देंगे या फिर पार्टी उनको निकालेगी? दोनों परिस्थितियों में उपेंद्र कुशवाहा के साथ क्या कुछ होगा, पढ़िए एक्सपर्ट के हवाले से यह रिपोर्ट...
उपेंद्र पर बोले नीतीश-रहें तो अच्छा...जाएं तो उनकी इच्छा:हिस्सा लेकर जाएंगे वाले बयान पर कहा- कोई परेशानी है तो मुझसे बात करें
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर से उपेंद्र कुशवाहा को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हमने उन्हें पार्टी में लाया, सम्मान जनक पद दिया। सम्मान दिया इसके बाद भी वह केवल बाहर में बयान दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि वो पार्टी में रहें तो बहुत अच्छा...जाएं तो उनकी इच्छा।
अगर उन्हें कोई परेशानी है तो आए मुझसे बात करें, बैठें उनकी समस्या का समाधान होगा। मीडिया में बयान देने से कुछ नहीं होता है। पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करिए
महागठबंधन में जाने से पहले RJD से डील हुई थी:उपेंद्र कुशवाहा बोले- नीतीश को कमजोर किया जा रहा, बुलाएं तो सबकुछ बता दूंगा
JDU में खींचतान बढ़ गई है। पार्टी में अब दो खेमा बन गया है। एक तरफ राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह तो दूसरी तरफ संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा हैं। उपेंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को कहा कि महागठबंधन में जाने से पहले जदयू के कुछ नेताओं ने राजद के साथ डील की थी।
नीतीश कुमार को लगातार कमजोर किया जा रहा है। मुझे नीतीश जी बुलाएं। मैं सब कुछ साफ कर दूंगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष बुलाएं, उनके सामने सब कुछ रख दूंगा। वो बताएं कि कौन सी डील हुई है? क्यों राजद के लोग कह रहे हैं कि उनके नेता को शपथ दिलाई जाए? मुख्यमंत्री अभी चेत जाएं नहीं तो मुश्किल होगी। पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करिए
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