रक्षाबंधन पर राजधानी में एक अलग पहल हुई। लैंगिकता की बंधनों को तोड़ ट्रांसवूमेन ने ट्रांसमैन को राखी बांधी। ऐसा पहली बार बिहार में देखने को मिला। पटना के खगौल इलाके में गरिमा गृह है। किन्नर समाज के लोग यहां रहते हैं। ट्रांसजेंडर अनुप्रिया सिंह और रानी तिवारी ने ट्रांसजेंडर अभिनव कुमार को राखी बांधी।
राष्ट्रीय ट्रांसजेंडर परिषद और बिहार राज्य किन्नर कल्याण बोर्ड की सदस्य रेशमा प्रसाद बताती हैं कि लैंगिकता के बंधन ने हमारे किन्नर समुदाय को अपने अंर्तमन की महिला पहचान को स्वीकारने में बेड़ियों से जकड़ रखा है। इन बेड़ियों को तोड़ने में ट्रांसजेंडर महिला और ट्रांसजेंडर पुरुष को भाई-बहन के रिश्ते में अपने आप को स्वीकारने में झिझक होती है।
इसके बावजूद हर प्रकार की बेड़ियों, जकड़नों और झिझक को अनुप्रिया सिंह और रानी तिवारी ने तोड़ा है। इन दोनों ने अपने ट्रांसजेंडर भाई को राखी के बंधन ने बांधा। भाई-बहन के रिश्ते को दिल से बनाया। पटना के इस गरिमा गृह को ट्रांसजेंडर समुदाय के सम्मान के लिए भारत सरकार एवं सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय की तरफ से खोला गया है।
इसके जरिए यह समुदाय समाज में सम्मान की एक-एक सीढ़ी चढ़ रहा है। रेशमा प्रसाद का कहना है कि वर्षों से ट्रांसजेंडर समुदाय को वह सम्मान प्राप्त नहीं हुआ था, जिसे भारत सरकार ने एक दिशा दी। ट्रांसजेंडर समुदाय को भी सम्मान पाने का हक है। ताकि ट्रांसजेंडर जीवन लैंगिकता की दुराग्रहों से आजाद हो।
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