उपेंद्र कुशवाहा अब तक अपनी बयानबाजी से जदयू को लगातार कोस रहे थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह पर आरोप लगा रहे थे। लेकिन, अब उन्होंने एक कदम आगे बढ़ा दिया है। आज जदयू के आम कार्यकर्ताओं के नाम बगावती चिट्ठी लिख दी है।
कुशवाहा ने खुले पत्र में लिखा है कि पार्टी कमजोर हो रही है। अब हमलोग को मजबूती से लगना होगा। कुशवाहा ने इसको लेकर कार्यक्रम भी तय किया है। आनेवाली 19 और 20 फरवरी को सभी पुराने कार्यकर्ता जो अभी के नेतृत्व से नाराज हैं, उन्हें पटना के सिन्हा लाइब्रेरी में बुलाया है। विचार-विमर्श करने को कहा है कि पार्टी कैसे मजबूत होगी।
क्या है कुशवाहा के खुले पत्र में...
उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी चिट्ठी में लिखा है - प्रिय साथियों, हमारी पार्टी अपने आंतरिक कारणों से रोज और रोज कमजोर होती जा रही है। महागठबंधन बनने के बाद हुए विधानसभा उपचुनाव के परिणाम आने के समय से ही मैं पार्टी की स्थिति से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लगातार अवगत कराते आ रहा हूं। समय-समय पर पार्टी की बैठकों में ही में भी मैंने अपनी बातें रखी है। विगत एक डेढ़ महीने से मैंने हर संभव तरीके से इस ओर कोशिश की है कि अपना अस्तित्व खोती जा रही पार्टी को बचाया जा सके।
मेरी कोशिश आज भी जारी है। लेकिन, तमाम प्रयासों के बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से मेरी बातों की न सिर्फ अनदेखी की जा रही है। बल्कि उसकी व्याख्या भी गलत तरीके से की जा रही है। मेरी चिंता और जहां तक मैं समझता हूं आप सभी की चिंता भी इस बात को लेकर है कि अगर जदयू बिखर गया तो उन करोड़ों लोगों का क्या होगा? जिनके अरमान इस दल के साथ जुड़े हुए हैं, जिन्होंने बड़े-बड़े कष्ट सहकर और अपनी कुर्बानी देकर इसके निर्माण में अपना योगदान दिया है।
खासकर राजद की ओर से एक खास डील जदयू और राजद के साथ विलय की चर्चा ने न सिर्फ पार्टी के निष्ठावान नेताओं, कार्यकर्ताओं व आम जनमानस को भी झकझोर कर रख दिया है। ऐसी परिस्थिति में हम सबके समक्ष राजनीतिक शून्यता की स्थिति बनती जा रही है। अब आवश्यकता इस बात की आ गई है कि हम सब मिलकर उस विषय पर विमर्श करें। इसलिए आपसे आग्रह है कि अपने साथियों के साथ 19 फरवरी और 20 फरवरी को 11:00 बजे सिन्हा लाइब्रेरी के पास पहुंचे भाग लें। इसके बाद चर्चा करें।
कुशवाहा के इस खुले खत पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने जवाब दिया है। उन्होंने फेसबुक पर लिखा - 'कहीं पर निगाहें, कहीं पर निशाना। जद (यू.) के समर्पित एवं निष्ठावान कार्यकर्ता साथियों को दिग्भ्रमित करने का प्रयास है। "ना कोई डील है और ना ही विलय की बात" - यह सिर्फ एक मनगढ़ंत कहानी है।'
कुशवाहा की बगावत के मायने समझिए
जदयू में आरसीपी सिंह के बाद संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा बगावत के मूड में हैं। लगातार नेतृत्व पर हमलावर हैं। हिस्सेदारी भी मांग रहे हैं। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि इसके केन्द्र में राज्य की 7-8 फीसदी कुशवाहा वोटों पर दावेदारी है। अगले दो सालों में लोकसभा और विधानसभा चुनाव होने हैं। लिहाजा, कुशवाहा प्रकरण को चुनावी नजरिये से देखा जाना लाजिमी है। जदयू में वर्ष 2021 की शुरुआत में कुशवाहा ने अपनी पार्टी रालोसपा का विलय जदयू में इस आशा-विश्वास के साथ किया था कि नेतृत्व उन्हें जदयू का उत्तराधिकारी घोषित करेगा।
उन्होंने आरसीपी सिंह के खिलाफ अभियान में भी महती भूमिका निभाई, पर महागठबंधन का उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव को घोषित किए जाने के बाद उपेंद्र नई राजनीतिक ठौर की तलाश में अब फिर जुट गए हैं। नतीजा है कि एक बार फिर कुशवाहा राजनीति खदबदाने लगी है।
राज्य में कुशवाहा, जाति के हिसाब से यादव के बाद सबसे बड़ा जातीय समूह है। दक्षिण बिहार के मगध और शाहाबाद प्रमंडल के जिले जहानाबाद, गया, औरंगाबाद, अरवल, आरा, रोहतास, बक्सर के साथ ही उत्तर बिहार के समस्तीपुर और उसके आस-पास के इलाकों में ही उपेन्द्र कुशवाहा के साथ चलने वाले वर्कर हैं। इस इलाके में उपेन्द्र अपनी बिरादरी का वोट कुछ हद तक अपनी ओर खींचते भी रहे हैं। ऐसे में वो जिसके साथ होंगे इस इलाके में उसे फायदा होगा।
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JDU(नीतीश) - JDU(उपेंद्र) ने अलग-अलग मनाई शहीद जगदेव जयंती: कुशवाहा बोले- अतिपिछड़ा समाज को उचित हिस्सेदारी मिलनी चाहिए
दो दिन पहले JDU (जनता दल यूनाइटेड) पूरी तरह से दो गुटों में बंटा नजर आया। एक तरफ नीतीश कुमार का जदयू और दूसरी तरफ उपेंद्र कुशवाहा का जदयू। मौका था शहीद जगदेव प्रसाद के जन्म शताब्दी समारोह का। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जदयू इस कार्यक्रम को वीरचंद पटेल रोड के अपने प्रदेश कार्यालय के कर्पूरी सभागार में मना रहा है, तो दूसरी तरफ उपेंद्र कुशवाहा इस कार्यक्रम को दरोगा राय पथ के पटेल भवन में मना रहे हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट...
उपेंद्र बोले- मुख्यमंत्री जी मैं ऐसे नहीं जाने वाला:चाहे तो मेरे सारे पद ले लें; पार्लियामेंट्री बोर्ड का अध्यक्ष बनाकर मुझे झुनझुना पकड़ाया
उपेंद्र कुशवाहा ने 5 दिन में आज दूसरी बार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नीतीश कुमार पर निशाना साधा। उन्होंने फिर कहा कि पार्टी में मुझे पार्लियामेंट्री बोर्ड का अध्यक्ष बनाने के नाम पर झुनझुना पकड़ा दिया। मेरे हाथ में लॉलीपॉप थमाया गया। पार्टी चाहे तो मुझसे सभी पद ले ले। मुझे इसका कोई लालच नहीं है। मुझे कोई फैसले लेने का अधिकार नहीं दिया। मैंने जब-जब सुझाव दिए उसे पार्टी ने कभी नहीं माना। पार्टी ने मुझे कभी कोई अधिकार नहीं दिया। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें
उपेंद्र के हिस्सा लेकर जाएंगे वाले बयान पर नीतीश बोले- कोई परेशानी है तो मुझसे बात करें
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर से उपेंद्र कुशवाहा को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हमने उन्हें पार्टी में लाया, सम्मान जनक पद दिया। सम्मान दिया इसके बाद भी वह केवल बाहर में बयान दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि वो पार्टी में रहें तो बहुत अच्छा...जाएं तो उनकी इच्छा। अगर उन्हें कोई परेशानी है तो आए मुझसे बात करें, बैठें उनकी समस्या का समाधान होगा। मीडिया में बयान देने से कुछ नहीं होता है। पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करिए
महागठबंधन में जाने से पहले RJD से डील हुई थी:उपेंद्र कुशवाहा बोले- नीतीश को कमजोर किया जा रहा, बुलाएं तो सबकुछ बता दूंगा
JDU में खींचतान बढ़ गई है। पार्टी में अब दो खेमा बन गया है। एक तरफ राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह तो दूसरी तरफ संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा हैं। उपेंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को कहा कि महागठबंधन में जाने से पहले जदयू के कुछ नेताओं ने राजद के साथ डील की थी।
नीतीश कुमार को लगातार कमजोर किया जा रहा है। मुझे नीतीश जी बुलाएं। मैं सब कुछ साफ कर दूंगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष बुलाएं, उनके सामने सब कुछ रख दूंगा। वो बताएं कि कौन सी डील हुई है? क्यों राजद के लोग कह रहे हैं कि उनके नेता को शपथ दिलाई जाए? मुख्यमंत्री अभी चेत जाएं नहीं तो मुश्किल होगी। पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करिए
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