बिहार STF ने सोमवार को दो अलग-अलग कार्रवाई की है। इसमें बड़ी कार्रवाई पश्चिम बंगाल के आसनसोल में दर्ज एक साइबर फ्रॉड के केस में की गई है। गोपालगंज के रहने वाले 5 शातिरों को एक साथ गिरफ्तार किया गया है। इन शातिरों ने साजिश के तहत आसनसोल के एक बैंक से 1.10 करोड़ रुपए की फ्रॉडगिरी साइबर क्राइम के जरिए की थी। मामला पिछले साल का है।
साइबर थाने में FIR
इसमें आसनसोल के साइबर थाना में FIR दर्ज थी। पश्चिम बंगाल की पुलिस लगातार साइबर अपराधियों की तलाश कर रही थी। जब उन्हें अपराधियों का लोकेशन बिहार का गोपालगंज जिला मिला, तब बंगाल पुलिस ने बिहार पुलिस से कांटैक्ट किया। उनकी एक टीम बिहार भी आई। इसके बाद साइबर अपराधियों को मिलकर पकड़ने की जिम्मेवारी STF को दी गई। फिर ज्वाइंट ऑपरेशन के तहत गोपालगंज में छापेमारी कर शमीम अख्तर, मो. ओसामा, राजेश शर्मा, रंजीत कुमार और आयुष गुप्ता उर्फ रानू को गिरफ्तार किया गया।
मोबाइल भी बरामद
इन शातिरों के पास से ATM कार्ड, बैंक पासबुक और मोबाइल बरामद हुआ है। इन सभी को कोर्ट में पेश करने के बाद ट्रांजिट रिमांड पर बंगाल पुलिस अपने साथ ले गई है। वहीं, इनसे डिटेल में पूछताछ होगी। तभी पता चलेगा कि इन अपराधियों ने बैंक के साथ किस तरह से फ्रॉडगिरी की थी। इसके लिए साइबर अपराध के कौन से तरीके को अपनाया था।
कुख्यात आलोक तिवारी भी गिरफ्तार
STF की दूसरी टीम ने सीवान के कुख्यात अपराधी को आलोक तिवारी को छापेमारी कर गिरफ्तार किया है। 7 अप्रैल 2020 को ये कुख्यात अपराधी पुलिस की कस्टडी से भाग गया था। जिसके बाद सीवान के टाउन थाना में एक FIR दर्ज की गई थी। बसंतपुर के नागौली के रहने वाले इस अपराधी को सीवान जिला पुलिस की टीम लगातार तलाश रही थी। पर ये उनके हाथ नहीं लगा। अब टाउन थाना इलाके में छापेमारी कर STF ने इसे गिरफ्तार कर लिया है।
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