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सांसद और विधायक की तरह अब नगर निगम के पार्षद भी अपने वार्ड के विकास के लिए याेजनाओं का चयन कर सकेंगे। सांसद या विधायक निधि की तर्ज पर बनी वार्ड योजना मद को शनिवार काे निगम की सशक्त स्थायी समिति ने मंजूरी दे दी। पार्षद अपने वार्ड के विकास के लिए एक करोड़ तक की योजनाओं का चयन कर सकेंगे।
सांसदों को अपने संसदीय क्षेत्र में विकास योजना मद में पांच करोड़ रुपए सालाना और विधायकों को तीन करोड़ रुपए सालाना खर्च करने का प्रस्ताव भेजने का अधिकार है। फिलहाल पार्षदों को यह अधिकार वर्ष 2021 के लिए दिया गया है। आगे इस योजना को जारी रखा जाएगा या नहीं, इस पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। निगम प्रशासन का कहना है कि फंड की उपलब्धता के आधार पर आगे फैसला हाेगा।
यह हाेगी प्रक्रिया
पार्षद जिन योजनाओं को चयनित कर प्रस्ताव निगम प्रशासन को भेजेंगे, उनकी जांच कराने और विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार करने के बाद प्रशासनिक स्वीकृति दिलाई जाएगी। मेयर ने कहा कि योजनाओं को प्रशासनिक स्वीकृति देने के साथ ही इस मद में 40 फीसदी राशि जारी कर दी जाएगी। इसके बाद काम पूरा होने पर राशि जारी हाेगी।
राशि की कमी नहीं
वार्ड योजना मद में राशि की कमी नहीं होगी। निगम प्रशासन का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 और वित्तीय वर्ष 2020-21 की स्टांप ड्यूटी अभी सरकार के पास बकाया है। इससे कम से कम 80 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। कई अन्य मद से भी पैसे आएंगे।
क्यों पड़ी जरूरत
वर्ष 2017 के निगम चुनाव के समय में उम्मीदवारों ने कई वादे जनता से किए थे। लेकिन, आमसभा या निगम प्रशासन के जरिए उन्हें पूरा नहीं करा सके हैं। अगले साल चुनाव है। ऐसे में जनता पार्षदाें से सवाल कर रही है। इसे देखते हुए वार्ड योजना बनाई गई है।
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