रोहतास जिले के सासाराम सदर अस्पताल से एक शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने आई है। इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंची बुजुर्ग महिला को अपने घायल बेटे को ले जाने के लिए स्ट्रेचर नहीं मिला। इसके बाद वह अपने घायल बेटे को पीठ पर ही लादकर अस्पताल के वार्डों में इलाज के लिए भटकती रही। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के किसी भी कर्मचारी की नजर इस मां पर नहीं पड़ी।
दरअसल नोखा थाना अंतर्गत कदवा गांव की रहने वाली 55 वर्षीय प्रमिला देवी अपने 32 साल के बेटे योगेश चौधरी का इलाज कराने सासाराम सदर अस्पताल पहुंची थी। प्रमिला देवी ने बताया कि उनका बेटा मजदूरी करता है। साइकिल से काम पर जाने के दौरान वो गिर गया था, जिससे उसका पैर फ्रैक्चर हो गया। इसके बाद मां घायल बेटे को किसी तरह ऑटो से सासाराम सदर अस्पताल लेकर पहुंची।
अस्पताल में काफी खोजबीन की लेकिन कहीं स्ट्रैचर नहीं मिला। इसके बाद वो पीठ पर अपने बेटे को उठाकर अस्पताल के अंदर पहुंची। बेटे को पीठ पर लिए ही वो मां वार्ड में इलाज के लिए डॉक्टरों के पास भटकती रही। इसके बावजूद भी इनके लिए स्ट्रैचर या व्हील चेयर की व्यवस्था नहीं की गई।
मामले में अधिकारी कुछ भी बोलने से बचते दिखे। कहा गया कि अस्पताल में स्ट्रैचर की व्यवस्था तो है ही। किसी वजह से स्ट्रैचर नहीं मिला होगा। फिलहाल जांच की जा रही है।
'स्ट्रेचर खोजने में देरी होती होगी, इसलिए उठाया होगा'
प्रभारी सिविल सर्जन डॉ केएन तिवारी ने कहा है कि यह कोई गंभीर बात नहीं है। अस्पताल में स्ट्रेचर तो रहता ही है। कई बार लोग मरीज को दिखाने की जल्दबाजी में स्ट्रेचर या व्हीलचेयर का उपयोग नहीं करते हैं। इस बार भी यही हुआ होगा।
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