बिहार विधान परिषद के रोहतास-कैमूर के सीट के होने वाले चुनाव के लिए राजद उम्मीदवार कृष्ण कुमार सिंह मैदान में हैं। उन्होंने रोहतास एवं कैमूर के पंचायत जनप्रतिनिधियों से जनसंपर्क अभियान भी शुरू कर दिया है। उक्त सीट से दो बार पूर्व में एमएलसी रह चुके हैं. अब तीसरी बार मैदान में हैं। लेकिन पिछले दोनों बार वे राजद के उम्मीदवारों को हराकर एमएलसी बने थे। इस बार पलटी मार कर राजद के उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं और उनके सामने एनडीए के उम्मीदवार मैदान में होंगे।
ज्ञात हो कि 2003 के चुनाव में रोहतास, कैमूर सीट से कृष्ण कुमार सिंह निर्दलीय उम्मीदवार थे तथा राजद के विजय मंडल को नजदीकी मुकाबले में हराकर चुनाव जीते थे। 2009 में वे पुनः एनडीए समर्थित उम्मीदवार थे और इस बार राजद के मुन्ना राय को हरा दूसरी बार एमएलसी बनने में सफल रहे।
2015 में निर्दलीय लड़े MLA का चुनाव
साल 2015 में कृष्ण कुमार सिंह ने पारिवारिक कारणों से एमएलसी का चुनाव नहीं लड़ा। तब भाजपा के संतोष सिंह ने जदयू के अनिल सिंह यादव को 617 मतों से हराया था। लेकिन एमएलसी पद छोड़ने वाले कृष्ण कुमार सिंह विधानसभा के लिए टिकट की दावेदारी करने लगे। जब उन्हें महागठबंधन का टिकट नहीं मिला तो जदयू छोड़ सासाराम सीट से निर्दलीय चुनाव लड़े और हार गए। बाद में फिर जदयू में आ भी गए। अब एक बार फिर एमएलसी के टिकट के दावेदार थे. परंतु सीट पर भाजपा का कब्जा होने के कारण उन्हें यहां टिकट मिलने की उम्मीद कम थी।
पलटी मार राजद में हुए शामिल
जदयू से टिकट की उम्मीद ना देख कृष्ण कुमार सिंह बीते साल 21 सितंबर 2021 को पटना में तेजस्वी यादव के समक्ष राजद में शामिल हो गए। तभी यह बात कही गई कि वे रोहतास-कैमूर सीट से राजद के उम्मीदवार होंगे। राजद द्वारा उम्मीदवारी घोषित होने के बाद राजद कार्यकर्ताओं द्वारा रोहतास.कैमूर में उनके स्वागत का दौर जारी है, तो जनप्रतिनिधियों से संपर्क अभियान भी तेज हो गया है।
'मान-सम्मान के लिए राजद में हुआ शामिल'
राजद उम्मीदवार ने इस संबंध में भास्कर से कहा कि वे पहली बार निर्दलीय और दूसरी बार जदयू समर्थित उम्मीदवार के रूप में विधान पार्षद बने थे। तीसरी बार खुद चनाव नहीं लड़ने का निर्णय किया था। राजद में आने का कारण बताते हुए कहा कि जहां मान-सम्मान मिलता है, हम उसी के साथ रहते हैं। कहा कि उम्मीदवार कोई हो हमें फर्क नहीं पड़ता। गत दो चुनावों की तरह हमारी जीत तय है।
इस बार धनबल का है मुकाबला
एमएलसी का चुनाव अब धनबल का हो गया है। स्वाभाविक है कि कृष्ण कुमार सिंह का मुकाबला भाजपा के सिटिंग उम्मीदवार संतोष सिंह से है। कृष्ण कुमार सिंह जब 2003 एवं 2009 में जीते थे तब इनके सामने के राजद उम्मीदवार धनबल में कमजोर थे। 2015 के विजयी उम्मीदवार भाजपा के संतोष बालू व्यवसाय एवं ठेकेदारी में बड़ा नाम हैं।
बताते हैं कि संतोष सिंह के धनबल को देखते हुए ही राजद ने कृष्णा सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। कृष्णा सिंह शाहाबाद क्षेत्र के बड़े मोटर व्यवसायी हैं. इनके परिवार का ठेकेदारी एवं कोयलांचल में अच्छा दखल रहा है।
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