आगामी माह से शुरू होने वाले पंचायत चुनाव 2021 को निष्पक्ष और बिना विवाद के कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने एक नया फैसला लिया है। फर्जी वोटरों को रोकने के लिए आयोग पहली बार राज्य में बायोमेट्रिक मशीन का इस्तेमाल करने जा रहा है। यह मशीनें हर पोलिंग बूथ पर लगेंगी। जिनसे मतदाताओं की हाजिरी ली जाएगी। बायोमेट्रिक मशीन के जरिए वोट डालने आने वाले मतदाता की पहचान की जाएगी कि वो किसी और की जगह वोट डालने तो नहीं आया है। बायोमेट्रिक मशीन पर अंगूठा रखते हीं पता चल जाएगा कि वोटर ने पहले वोट डाला है या नहीं। सुरक्षा की इस चाक चौबंद व्यवस्था के जरिए बोगस वोटर्स की आसानी से पहचान हो जाएगी। जिला पंचायती राज पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग ने राज्य सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद पंचायत चुनाव में इवीएम मशीन के साथ ही बायोमेट्रिक मशीन लगाने की दिशा में पहल शुरू कर दी है। उनका कहना है कि बूथ पर स्थापित की जानेवाली बायोमेट्रिक मशीन के साथ पांच प्रकार से जांच की जायेगी। पहले वोट देने आनेवाले हर मतदाता का फिंगरप्रिंट लिया जायेगा। ज्ञात हो कि आयोग के निर्देश पर जिले में 10 चरणों में पंचायत चुनाव कराने की तैयारी चल रही है। आयोग ने जिला निर्वाचन पदाधिकारी को कहा है कि चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मियों को अनिवार्य रूप से कोरोना का वैक्सीन लगवाया जाए। साथ ही चुनाव कार्य में लगाए जाने वाले कर्मियों का कोरोना जांच भी हर हाल में सुनिश्चित करने का निर्देश आयोग द्वारा दिया गया है। सरकारी कर्मचारियों के साथ ही मतदाताओं को भी कोरोना का वैक्सीनेशन बड़े पैमाने पर कराने का निर्देश सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को दिया गया है।
फिंगरप्रिंट लिया जाएगा: बूथ पर वोट डालने आने वाले वोटर का मतदान से पहले फिंगरप्रिंट लिया जाएगा। फिर फेस रीडिंग की जाएगी और उसका पलक झपकाते हुए छोटा सा वीडियो लिया जाएगा। वोटिंग के पहले इसको सॉफ्टवेयर में अपलोड कर दिया जाएगा। फेस रीडिंग और वीडियो क्लिप अपलोड करते ही मतदाता की पहचान आसानी से सामने आ जाएगी।
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