गिरफ्तारी:तिहरे हत्याकांड में आरोपी दोनों सगे भाई गिरफ्तार

सासाराम2 वर्ष पहले
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  • तीन लोगों की हत्या के अहम सबूत तलवार की पटना स्थित एफएसएल में होगी जांच

दरिहट थाना क्षेत्र के खुदराव में मंगलवार की शाम पिता विजय सिंह और उनके दो बेटे दीपक एवं राकेश की हत्या कांड में कुछ महत्वपूर्ण साक्ष्यों की जांच विधि विज्ञान प्रयोगशाला पटना में कराई जाएगी। घटना में उपयोग की गई तलवार पर लगे खून और मौके से प्राप्त हुए कुछ साक्ष्यों को विधि प्रयोगशाला की टीम खुदराव से पटना ले गई। इस संदर्भ में रोहतास एसपी आशीष भारती ने बताया कि इस हत्या कांड में कराए गए पोस्टमार्टम की रिपोर्ट भी अहम है। साथ ही गिरफ्तार आरोपी सोनल से की गई पूछ ताछ में पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी है। एसपी ने बताया कि इस तिहरे हत्या कांड में जिस विवादित भूखंड को लेकर इतनी बड़ी घटना घटी। उसकी भी जांच कराई जाएगी। जानकारी हो कि मंगलवार की शाम विजय सिंह के सगे भाई अजय सिंह और उनके बेटों तलवार और लाठी डंडों से विजय सिंह उनके बेटे दीपक और राकेश के उपर वार कर मौत की नींद सुला दी थी। खुदराव हत्या कांड में बुधवार को मृतक विजय सिंह की पत्नी शंकुतला देवी ने चार लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई। जिसमें विजय सिंह के भाई अजय सिंह, उनकी पत्नी गायत्री, दोनों बेटे सोनल और अमन आरोपी हैं। सोनल की गिरफ्तारी मंगलवार की शाम ही एक अस्पताल में अपना इलाज कराते समय हो गई। अमन की गिरफ्तारी भी पुलिस ने रात में कर ली। अजय सिंह और उनकी पत्नी गायत्री अभी भी फरार हैं।

तलवार के वार से एक की कट गई थी आधी गर्दन, दूसरे के सिर के दो टुकड़े
घटना के बाद पोस्टमार्टम के लिए जब तीनों शवों को सासाराम सदर अस्पताल लाया गया तो मृतकों के बदन पर लाठी डंडों के कई जख्म के निशान मिले। विजय सिंह की गर्दन पर तलवार का एक वार देखा गया। जिसमें पीछे से आधा गर्दन कट चुका था। जबकि दीपक के सर पर तलवार का इतना गहरा वार हुआ था कि वह दो टुकड़े हो गया था। इसके अलावे राकेश के सर और हाथ पर दो वार किए गए थे। एक हाथ कटकर लटक गया था और सर के उपर काफी गहरा जख्म था।

सोन नदी के तट पर तीनों शवों का अंतिम संस्कार, बच्चे ने दी सबको मुखाग्नि
खुदराव के तिहरे हत्या कांड के बाद बुधवार सुबह सोन नदी के तट पर तीनों शवों का अंतिम संस्कार किया गया। जहां पिता विजय सिंह के अलावे उनके दोनों बेटों की विधवा हो चुकी बहुएं भी बेसुध होकर पहुंची थी। पोते पुष्कर ने सबसे पहले दादा को मुखाग्नि दी। उसके बाद पिता दीपक एवं चाचा राकेश का अंतिम संस्कार किया। तब वहां के हालात काफी कारूणिक हो चुके थे। विजय सिंह की विधवा शंकुतला और उनकी दोनों बहुएं जलती चिता के करीब जाकर चित्कार कर रही थीं।