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विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते फर्जी गाड़ियों का इस्तेमाल एंबुलेंस के रूप में धड़ल्ले से हो रहा है। जिसमें बिना परमिट के निजी एवं सदर अस्पताल की एंबुलेंस गाड़ियां बिना वैधता की ही सड़कों पर दौड़ रही हैं। वहीं, सदर अस्पताल के बाहर खड़ी होने वाली दर्जनों की संख्या में निजी एंबुलेंस किसकी है और कहां से आकर लगती है, इसकी जानकारी विभागीय अधिकारियों के पास भी नहीं है। जानकारी के अनुसार यह गाड़ियां जहां-तहां से खरीदकर उन पर पटना, जहानाबाद आदि जिले का नंबर चढ़ा कर उनका इस्तेमाल एंबुलेंस के रूप में किया जा रहा है। वहीं, सदर अस्पताल के अधिकांश एम्बुलेंस की वैधता खत्म होने के बाद भी सड़कों पर दौड़ रही है।
दूसरी ओर अस्पताल के बाहर लगे एंबुलेंस चालकों का कहना है कि वह विभागीय अधिकारियों के आदेश से ही सदर अस्पताल से रेफर होने वाले मरीजों की सेवा के लिए खड़े रहते हैं। इसके साथ ही विभिन्न निजी स्वास्थ्य केंद्र के द्वारा भी एंबुलेन्स लिखी गाड़ियां धड़ल्ले से चल रही है। वहीं, सदर अस्पताल में इलाज कराने आए मरीजाें के परिजनों का कहना था कि सदर अस्पताल में रात में 2 बजे डिलेवरी पेशेंट का जांच लिखा जाता है और अस्पताल गेट के बाहर खड़ी ये एम्बुलेंस चालक बिचौलियों के माध्यम से मरीज को प्राइवेट अस्पताल में या पटना ले जाते हैं। आलम यह होता कि जब भी कोई मरीज रात में अस्पताल से रेफर होता है ताे चालकों में मरीज को अपनी एम्बुलेंस में बैठाने के लिए तू-तू मैं-मैं शुरू हो जाती है। जिसके कारण कभी-कभी बहस अधिक होने से मरीज को को दूसरे स्थान पर ले जाने में लेट हो जाता है। जिससे मरीज की जान भी चली जाती है।
सदर अस्पताल के बाहर खड़ी एंबुलेंस की डिटेल
सदर अस्पताल परिसर के बाहर प्रतिदिन कतारबद्ध एम्बुलेंस गाड़ियां लगी रही हैं। जिसमें सच्चाई का जब पता लगाया गया तो इसमें बीआर 52 पी 0295 नंबर गाड़ी का डिटेल एम परिवहन एप से प्राप्त किया गया तो पता चला कि इस एम्बुलेंस की वैधता 2018 में ही ख़त्म हो चुकी है। इसी प्रकार बीआर 01 पीएफ 7074 नंबर की एम्बुलेंस की भी वैधता 2016 में खत्म हो गयी है । बीआर 01 पीइ 3708 नंबर की एक एम्बुलेंस भी है। इसका भी वैधता 2015 तक ही है। वहीं, एंबुलेंस बीआर 05पी 9643 का भी एम परिवहन एप पर वैधता 2020 पाया गया। दूसरी ओर बीआर 01 पी एच 4780 नंबर की एम्बुलेंस का रजिस्ट्रेशन जहां पटना का पाया गया।
गंभीर मामला है, जांच की जाएगी : डीटीओ
^जिला में बिना परमिट और बिना भौतिक सत्यापन के फर्जी कई गाड़ियों पर एंबुलेंस लिखकर चलाने का मामला सामने आया है। एम परिवहन एप पर रजिस्टर्ड सभी गाड़ियों का डिटेल रहता है, जिन गाड़ियों का डिटेल नहीं है निसंदेह वे सभी गाड़ियां फर्जी हैं। उनकी जांच कराई जाएगी, यह गंभीर मामला है।
शशि शेखरम, जिला परिवहन पदाधिकारी, शेखपुरा।
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