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चेवाड़ा नगर पंचायत में चकन्दरा गांव को शामिल किए जाने के विरोध में ग्रामीणों ने विरोध जताया है। जिसको लेकर ग्रामीणों ने गुरुवार को डीएम को एक ज्ञापन सौंपा है। इस बाबत ज्ञापन सौंपने आए मुखिया सुनीता देवी, रवि सिंह, विभूति कुमार सिंह, मधु देवी सहित अन्य लोगों ने बताया चकन्दरा पंचायत की 100% भूमि कृषि योग्य है। जिसमें गांव के अधिकांश ग्रामीण कृषि पर निर्भर है। कृषि से ही उनका जीवन यापन होता है। पंचायत में मौसम आधारित सभी फसल धान, मक्का, गेंहू आदि की खेती होती है। वहीं, नगर पंचायत में शामिल होने पर गांव के किसानों को कृषि संबंधित योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। जिससे किसानों को काफी हानि होगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पंचायत में कुल 9 गांव हैं और गांव में पंचायत सरकार भवन निर्माण भी प्रस्तावित है। वहीं, चेवाड़ा से चकन्दरा गांव की दूरी कुल 9 किलोमीटर है एवं चकन्दरा पंचायत में अन्य गांव की दूरी लगभग 11 किलोमीटर से भी अधिक है जिसे आवागमन में भी लोगों को परेशानी होगी।
ग्रामीण बोले- नगर पंचायत में गांव को शामिल होने के बाद अधिक लगेगा टैक्स, किसानों को भी होगा नुक्सान
ग्रामीणों ने कहा कि बिहार पंचायत अधिनियम के तहत किए जाने वाले सभी सामान्य कार्य ग्राम पंचायत द्वारा किया जाता है। जिससे ग्राम पंचायत के निवासियों को लाभ होता है यदि ग्राम पंचायत चकन्दरा को नगर चेवाड़ा पंचायत में शामिल किया जाएगा तो सभी किसानों को अपूरणीय क्षति होगी। उन्होंने कहा कि अगर नगर पंचायत होने से पर चकन्दरा पंचायत वासियों को अधिक आर्थिक भार उठाना पड़ेगा। जिससे सभी किसानों को काफी नुकसान होगी। इसको लेकर चकन्दरा के ग्रामीणों के द्वारा चेवाड़ा नगर पंचायत में शामिल करने को लेकर का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने डीएम को आवेदन देकर चेवाड़ा नगर पंचायत के अंदर रखने का प्रस्ताव को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। कहा कि अगर मांगें नहीं मानी गई तो आंदोलन किया जाएगा।
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