जिले में नाबालिग किशोर भी फराटे से ट्रैक्टर चला रहे हैं लिहाजा ट्रैक्टर सड़क पर चलती-फिरती मौत बनकर दौड़ रहे है। इसके चलते आए दिन हादसे होते हैं। एक बार फिर अनियंत्रित ट्रैक्टर ने एक युवक की जान ले ली। घटना जिले के काशीचक थाना क्षेत्र स्थित वारिसलीगंज-काशीचक पथ पर की है जहां रेलवे अंडरब्रिज के समीप एक तेज रफ्तार ट्रैक्टर ने बुधवार की सुबह सड़क किनारे जा रहे दो युवकों को धक्का मार दिया । इस दुर्घटना में सरकट्टी ग्रामीण संजय सिंह के पुत्र शिवम कुमार (20) की मौके पर ही मौत हो गई।
जबकि विजय सिंह का पुत्र गौतम कुमार (30) बुरी तरह जख्मी हो गया। सड़क दुर्घटना में मौत के बाद बड़ा बवाल हुआ और ग्रामीणों ने घटना के विरोध में सड़क जाम कर हंगामा किया। कड़ी मशक्कत के बाद जाम हटाया जा सका। इस दौरान ग्रामीणों ने पुलिस पर नाराजगी भी जाहिर की। बताया जाता है कि शिवम और गौतम खेत देखने निकले थे इसी दौरान तेज रफ्तार ट्रैक्टर ने दोनों को रौंद दिया जिससे शिवम की मौके पर ही मौत हो गई जबकि गौतम गंभीर रूप से घायल हो। धक्का मारने के बाद चालक अपने ट्रैक्टर संख्या- बीआर- 01G2 /2158 को चंद कदम पर स्थित रेलवे लाइन निर्माण में लगी कंपनी के अड्डे पर खड़ा कर भाग निकला। घटना बाद पहुंचे स्वजन जख्मी गौतम कुमार को इलाज के लिए पीएचसी बौरी में दाखिल कराया। जख्मी युवक की हालत नाजुक बताई जाती है।
ग्रामीणों ने कहा - अनुभवहीन बच्चे चला रहे ट्रैक्टर, पुलिस टोकती भी नहीं
नियम की अनदेखी को लेकर पुलिस से नाराजगी
घटना के बाद स्थानीय लोगों ने वाहन नियम की अनदेखी करने बालों के खिलाफ पुलिस के डीलर डाले रवैया के प्रति नाराजगी जाहिर की। इसके चलते मौके पर पहुंची शाहपुर ओपी पुलिस को भी ग्रामीणों का आक्रोश झेलना पड़ा। लोगों का कहना था कि बगैर लाइसेंस के नाबालिग लड़के ट्रैक्टर चलाते हैं। जिससे आये दिन दुर्घटनाऐं होती रहती है । मगर पुलिस कभी भी ट्रैक्टर चालक के लाइसेंस की जांच नही करती। जिससे आमजनों की जान सांसत में है।
चित्कार से गमगीन हुआ माहौल
घटना के बाद मृतक के गांव में चीख-पुकार से माहौल गमगीन है। मृतक की मां व घर की महिलाओं के रोने धोने से लोगों के हृदय सिहर उठे। विलाप से माहौल गमगीन हो गया ।जानकारी पाकर मौके पर पहुंचे विधायिका अरुणा देवी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष सतीश कुमार उर्फ मनटन सिंह , मुखिया मनोज कुमार समेत कई गणमान्य लोगों ने मृतक के पिता को ढांढस बंधाया और दुःख की इस घड़ी में धीरज रखने की बात कही ।
हादसे के पर्याय बने ट्रैक्टर
ट्रालीयुक्त ट्रैक्टर के संचालन के लिए भी तमाम नियम कानून हैं। पर रुपए बचाने के लिए अधिकतर वाहन मालिक अपने ट्रैक्टर कृषि मद में पास कराते हैं, जबकि इनका धड़ल्ले से व्यावसायिक उपयोग किया जाता है। भट्ठे पर ईंट ढोने, सीमेंट-छड़, खाद्य सामग्री ले जाने, बालू व पत्थर खनन आदि में इनका धड़ल्ले से उपयोग किया जाता है। ट्रैक्टर-ट्राली पर न रिफ्लेक्टर होते और न ही बैक लाइट। कई में तो नंबर प्लेट तक नहीं होते। बेखौफ दौड़ते ट्रैक्टर से हर माह कई निर्दोषों की जान जा रही है।
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