हुसैनगंज प्रखंड की खरसंडा पंचायत में नल जल का सम्पूर्ण लाभ नहीं मिल रहा है। मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना नल का जल पंचायतों में दम तोड़ती नजर आ रही है। इस योजना मद में सरकार द्वारा करोड़ों की सरकारी राशि पानी की तरह बहा देने के बाद भी लोगों के घरों में शुद्ध पानी नहीं पहुंच रहा है। पंचायत के धूमनगर, यादव टोला व वार्ड न 10, 11, 12, 13, 14 समेत अन्य गांव व मुहल्लों में नल जल योजना का लाभ अब तक लोगों को सही से नहीं मिल रहा है। कहीं नल में जल पहुंचा और बंद भी हो गया तो कहीं सिर्फ पाइप ही बिछा है। ग्रामीणों को अब तक इसका लाभ नहीं मिल रहा है। लगाए गए नल से अब तक ग्रामीणों को पीने के लिए एक बूंद पानी भी नहीं मिल सका है। जानकारी के अनुसार विभिन्न पंचायतों में मुख्यमंत्री जल नल योजना के तहत हो रहे कार्य की स्थिति काफी दयनीय है। यह स्थिति प्रखंड क्षेत्र के सभी पंचायतों में देखा जा सकता है। नल जल योजना के तहत लोगों के घरों तक नल पहुंचा और पानी भी शुरू हुई। लेकिन एक महीने पानी मिलने के बाद से अब तक लगभग दो साल से बंद पड़ा हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि एक बाल्टी पानी एक घंटे में भर पाती हैं। जरूरी कार्य हो तो चपाकाल का उपयोग करना पड़ता हैं।
नहीं सुनते हैं जनप्रतिनिधि
पिछले दो सालों से सभी वार्डो में नल जल योजना का लाभ नही पहुचा है। जिसके वजह ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले दो वर्ष पूर्व में मुखिया समेत सभी पदाधिकारी से शिकायत किया गया। जिसके बाद से सारे कार्य वैसे ही रह गए। अधूरे कार्यो को अब तक पूरा नहीं किया गया हैं।
बारिश होने पर चलना हो जाता है मुश्किल
पंचायत में शायद ही कोई ऐसी सड़क हो जहां पक्की हो। जो सड़क बनाई भी गई वो जर्जर हो चुकी है। बरसात के दिनों में घुटने भर पानी जमा होता है। मरीजो को अस्पताल ले जाने में गंभीर समस्या होती है। बावजूद कार्रवाई नहीं कि गई। सड़क जर्जर होने से स्कूली छात्र छात्राओं को प्रतिदिन समस्या बनी रहती है। साइकिल से आने जाने वाले छात्र घायल भी हो जाते है। शादी के समय ज्यादा दिक्कत होती है।
तीन साल पहले बनी नाली का नामोनिशान तक नहीं
पूरे पंचायत में तीन साल पूर्व नाली बनाई गई थी। जिसकी देख रेख नहीं होने के कारण नाली टूट फुट कर नष्ट हो गई है। कुछ हिस्सों में नाली बन्द भी हो गई है। घर का सारा पानी सड़क पर ही बह रहा है।
कार्य रुका हुआ है। पिछले दिसम्बर में जिलाधिकारी को ज्ञापन भी दिया गया था। अगतक सुनवाई नही हुई हैं। सबकुछ भगवान के भरोसे ही चल रह है।
मनीष गुप्ता, ग्रामीण।
योजना के तहत कहीं भी प्राक्कलन के अनुसार बोरिंग की गहराई नहीं कराई गई है। जांच कराई जाए तो गड़बडी सामने आ जाएगी। प्राक्कलन की भी जानकारी नहीं है।
शुभम शर्मा, ग्रामीण।
आयरन की शिकायत करने पर बंद कर दी सप्लाई
कुछ दिन पानी सही आया उसके बाद पानी में आयरन आने लगा। इसकी शिकायत ग्रामीणों ने इस टंकी के संचालक से की थी। इसके बाद पानी ही बंद कर दिया गया। जो भी पाइप लगा है वह भी घटिया क्वालिटी का है। कहीं फटा है तो कहीं आधा-अधूरा लगाकर छोड़ दिया गया है। योजना में जांच की जरूरत है। शिकायत करने पर भी न तो अधिकारी ध्यान देते हैं और न ही जनप्रतिनिधि। संदीप कुमार, ग्रामीण।
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