हर खेतों का सस्ता तथा सुगम तरीके से बिजली के माध्यम से सिंचाई के लिए पानी पहुंचाने का योजना अभी तक शुरू नही होने से किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। विभाग द्वारा 2020 से पहले ऑफलाइन आवेदन किसानों से जमा लिया गया था। इसके बाद ऑनलाईन आवेदन भरा जाता है। लेकिन किसानों को अभी तक सुविधा नहीं मिल सका। अधिकांशतः किसान विवश होकर डीजल पम्पसेट के सहारे खेतों की सिचाई करने को विवश हैं। डीजल की महंगाई ने किसानों की कमर तोड़ दी है। प्रखंड अंतर्गत आहर, कराह की स्थिति काफी बदतर है।
अतिक्रमण के चपेट में होने के कारण नहर से सिचाई करना कठिन काम हो गया है। प्रखंड अंतर्गत 115 गांव है। रजिस्टर्ड किसानों की संख्या करीब बीस हजार है। क्षेत्र के 14500 हेक्टेयर जमीन में धान की खेती होती है। डीजल पम्पसेट से खेतों की सिचाई होने के कारण खेती महंगा हो जा रही है। दस घंटा डीजल पम्पसेट से खेतों की सिचाई में जहां करीब 900 रु. खर्च होता है वही बिजली मोटर से सिचाई करने पर करीब 8 रु खर्च किसानों को होगा। 6 रु 25 पैसा प्रति यूनिट रेट है। जिसपर किसानों के लिए 5 रु पचास पैसा अनुदान है। अनुदान काटकर किसानों को पर यूनिट 75 पैसा खर्च बिजली मोटर पम्प से सिचाई करने पर होता है।
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.