पूर्णिया में सरकारी स्कूलों की हालत बेहद खराब है। सरकारी स्कूलों में पढाई कम और मौजमस्ती ज्यादा होता है। कुछ ऐसा ही मामला पूर्णिया जिले के अमौर प्रखंड के एक सरकारी स्कूल से आया है।अमौर प्रखंड के धूरपेली पंचायत अंतर्गत मधवा कोला गांव में प्राथमिक विद्यालय है। इस विधालय में शिक्षक पढाने के जगह आराम ज्यादा पढाते है। बच्चों के पढाई से इन शिक्षकों को कोई लेना देना दूर दूर तक नहीं है।
विद्यालय में जब जांच किया गया तो देखा गया कि एक शिक्षिका क्लास रूम के गेट पर कुर्सी लगाकर खर्राटे भर रहीं हैं। बाहर एक लड़का कुर्सी पर बैठकर मोबाइल में व्यस्त है। कैमरा को देखते ही लड़के ने मैडम को नींद से जगा दिया। मैडम भी कैमरा देखते ही हड़बड़ा कर कुर्सी से उठ गई और मुस्कुराने लगी और कही थोड़ी सी आंख लग गई थी। उधर बच्चे पढाई के जगह खेलने में व्यस्त थे।
इतना ही नहीं बल्कि स्कूल के हेडमास्टर साहब का तो और भी बुरा हाल था। स्कूल के हेडमास्टर कमरूल होदा बच्चों को पढ़ाने के जगह स्टोर रूम के एक खटिया पर लेटकर वह भी खर्राटे भर रहे थे। तभी किसी ने आवाज लगाई और वह खटिया से उतर गए। कैमरा को देखकर हेडमास्टर कमरूल होदा रूम से बाहर चले गए।बताया जा रहा है कि यह विधालय पहले से ही विवादित है।
इससे पहले पूर्व विधायक अब्दुल जलील मस्तान के निरिक्षण दौरान कई महीनों से अटेंडेंस रजिस्टर में हाजिरी नहीं बना था। इस पर विधायक ने हेडमास्टर और मुखिया को फटकार लगाई थी।इस संबंध में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी धनेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि स्कूल में बच्चों को पढ़ने के जगह शिक्षक सोए रहते हैं यह मामला संज्ञान में आया है। मामले की जांच कर दोषियों के उपर कार्रवाई होगी।
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