पूर्णिया के लाइन बाजार में एक बार फिर मानवता शर्मसार करने वाले घटना हुई है। मंगलवार रात एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने डाक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाकर अस्पताल और सड़क पर जमकर हंगामा किया। पेसेंट की मौत होते ही डाॅक्टर और सभी कर्मचारी अस्पताल छोड़कर भाग गए।
मृतक की पहचान रूपौली थाना क्षेत्र अंतर्गत अकबरपुर के रहने वाले वासुदेव मेहता के बेटा बमबम कुमार मेहता (25 वर्ष) के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि बमबम सोमवार के शाम बाइक से अपने ससुराल हरदा जा रहा था। तभी हरदा पुल के पास वह एक्सीडेंट हो गया और जख्मी हो गए। परिजनों ने जख्मी को लाइन बाजार के बिहार टाॅकिज रोड स्थित डाॅ रंधीर जयपुरिया के ट्रू लाईफ सेंट्रल हॉस्पिटल में ले गया और आईसीयू में भर्ती कर दिया।
परिजनों ने बताया कि इलाज होने के बाद बमबम को होश आ गया और शाम को परिजनों से बात भी की। तभी 7 बजे बिजली गुल हो गई और पूरे अस्पताल में अंधेरा छा गया। अस्पताल में जेनरेटर तक की सुविधा नहीं है। कुछ देर बाद अंधेरे में ही अस्पताल कर्मी आए और पेसेंट को ले जाने के लिए कहने लगे। जब मोबाइल के खर्च जलाकर देखा तो बमबम की मौत हो गई थी। यह पता चलते ही अस्पताल के सभी कर्मी भाग गए। इलाज के नाम पर डाक्टर ने 2.50 लाख रुपये भी जमा करवा लिया। पेसेंट को आईसीयू में रखा गया लेकिन बिजली तक की व्यवस्था नहीं। परिजनों ने डाक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाकर थाना में डाक्टर के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया। बताया जा रहा है कि बमबम कुमार की एक साल पूर्व ही शादी हुई थी और एक 3 महीने के नवजात शिशु भी है। पत्नी को लाने ससुराल जा रहा था तभी दूर्घटना के शिकार हो गए।
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