पूर्णिया के लाइन बाजार रेणु उधान के पास अवैध रूप से संचालित होपवेल नाम के प्राइवेट अस्पताल में इलाज के दौरान बीते 10 मार्च को एक मरीज की मौत के बाद परिजनो ने जमकर बवाल काटा था। परिजनो ने अस्पताल प्रबंधक के खिलाफ थाना में FIR भी दर्ज कराया और पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम कराया था। मृतक का परिजन ने सोमवार को पूर्णिया के सिविल सर्जन के पास आवेदन देकर होपवेल अस्पताल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। परिजन ने आवेदन में अस्पताल और उनके संचालक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
क्या है पूरा मामला
पूरा मामला यह है कि सरसी थाना क्षेत्र के बोहरा गांव के रहने वाले दीना कुमार ठाकुर (24 वर्ष) बीते 3 मार्च को सरसी में सडक दुर्घटना में घायल हो गया था। घायल को मेडिकल काॅलेज अस्पताल पहुंचाया गया, जहां इलाज के क्रम में ही होपवेल अस्पताल के दलाल अमित मिश्रा ने परिजनो को बहला-फुसलाकर मरीज को होपवेल अस्पताल ले गया। डाॅक्टर ने परिजनो से करीब 3.50 लाख इलाज के नाम पर जमा भी करा लिया। करीब 8 दिनों तक इलाज चलने के बाद दिनांक 10 मार्च को मरीज की मौत हो गई। जब परिजनो ने मौत का कारण पूछा तो अमित मिश्रा और उनके सहयोगियो ने परिजनो के साथ अभद्र व्यवहार किया और धक्का मारकर बाहर निकाल दिया। परिजनो ने लाश वापस मांगने पर 2.50 लाख और मांगने लगे। लाश नहीं देने और अभद्र व्यवहार करने को लेकर परिजनो ने अस्पताल में जमकर बवाल काटा।
सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंच गई और परिजनो को समझा बुझाकर शांत किया। परिजनो ने अस्पताल के खिलाफ थाना में FIR दर्ज कराया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम कराकर शव को परिजनो को सुपुर्द कर दिया।
निबंधन रद्द होने के बाद भी चल रहा अस्पताल
अस्पताल में कोई योग्य डाक्टर नहीं होने से एक वर्ष पूर्व इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गई थी। मौत के बाद परिजनो ने जमकर बवाल काटे थे। शिकायत मिलने पर सीएस ने अस्पताल के निबंध को रद्द कर दिया, लेकिन अस्पताल के मुख्य सरगना अमित मिश्रा और फर्जी न्यूरोलाजीस्ट डाॅ. विजय कुमार चौधरी ने हार नहीं मानी और होपवेल अस्पताल को फिर से लाइन बाजार कुंडी पुल के पास खोल दिया। वहां पर भी मरीज की मौत के बाद जमकर हंगामा हुआ था। उसके बाद संचालको ने अस्पताल को वहां से लाइन बाजार रेणु उधान के पास खोल दिया।
तीन महीने पूर्व भी हुआ था हंगामा
तीन महना पूर्व एक मरीज को दायां पैर के अंगूठा में घाव हो गया। मरीज को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिप अमित मिश्रा ने परिजनों को बहला-फुसलाकर होपवेल अस्पताल ले गया, वहां इलाज और ऑपरेशन के नाम पर 3 लाख ऐंठ लिए। आप्रेशन में डाॅ. विजय चौधरी ने मरीज के दायां पैर के अंगूठा के जगह बायां पैर का अंगूठा काट दिया। इतना ही नहीं बल्कि उसी दिन एक और मरीज की मौत पर परिजनो ने जमकर बवाल काटा था। होपवेल अस्पताल पर थाना में FIR भी दर्ज हुई लेकिन फिर भी अस्पताल बंद नहीं हुई।
डाॅ. विजय चौधरी है वारंटी
बताया जा रहा है कि डा विजय कुमार चौधरी साधारण MBBS डाॅक्टर है। वह 7 साल पूर्व अररिया सदर अस्पताल में फिजिशियन के पद पर कार्यरत था। उसे किसी मामले में पद से हटा दिया गया। फिर उसने अपने को बिना डिग्री के न्यूरो सर्जन बताकर पूर्णिया के लाइन बाजार चौक के पास न्यूरो सर्जरी अस्पताल खोल लिया। 5 वर्ष पूर्व एक्सीडेंट में घायल एक मरीज की मौत हो गई। परिजनो ने अस्पताल में जमकर तोड़फोड़ और बवाल काटा। शिकायत मिलने पर तत्कालीन सिविल सर्जन डाॅ. एमएम वसीम ने विजय कुमार के खिलाफ फर्जी डिग्री और इलाज में लापरवाही के मामले में थाना में FIR दर्ज करा दिया और विजय कुमार के लाइसेंस को रद्द कर दिया। कोर्ट ने विजय कुमार की गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी कर दिया।
वारंट के बाद डाक्टर फरार
कोर्ट से वारंट जारी होने के बाद डा विजय कुमार चौधरी पश्चिम बंगाल भाग गए। एक वर्ष पूर्व विजय कुमार चोरी छूपे पूर्णिया में रहने लगे और अमित मिश्रा से संपर्क हुई। अमित मिश्रा ने होपवेल अस्पताल खोल लिया और विजय कुमार को भी इस धंधे में सामिल कर लिया। फिर दोनों ने मिलकर लाचार और मजबूर लोगो को अपना निशाना बनाने लगे। जबकि विजय कुमार की डाक्टर का लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया है।
क्या कहते हैं सीएस
सिविल सर्जन डाॅ. अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि मृतक के भाई जितेंद्र ठाकुर ने आवेदन देकर शिकायत दर्ज कराया है। होपवेल अस्पताल का निबंधन पहले ही रद्द हो चुका है, फिर भी यह अस्पताल चलने की शिकायत मिली है, टीम गठित कर मामले की जांच कराई जाएगी, उसके बाद सख्त कार्रवाई होगी। डाॅ. विजय कुमार चौधरी के उपर भी जांच होगी।
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