भारत को G-20 की अध्यक्षता प्राप्त होने के मौके पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा भी गुरुवार रात्रि से देश भर में 100 ऐतिहासिक इमारतों को जगमग किया जा रहा है साथ ही इमारतों पर G-20 का लोगो भी लगाया गया है। परंतु शेरशाह के मकबरे पर गुरुवार रात्रि रौशनी तो की गई, लेकिन G-20 का लोगों नहीं लगाया गया था। रौशनी भी आधी-अधूरी की गई थी। एएसआई के स्थानीय कर्मचारियों की इस लापरवाही को दैनिक भास्कर ने प्रमुखता से दिखाया था। जिसमें स्पष्ट कहा गया था कि लेकिन इस ऐतिहासिक मौके पर शेरशाह के मकबरा का प्रवेश द्वार एवं कुछ अन्य हिस्सों में रौशनी नहीं की गई है। यहां तक कि G-20 का लोगो भी लगाना है। लेकिन शेरशाह मकबरे पर लोगो भी नहीं दिख रहा है।
एक दिन बाद किया भूल-सुधार
खबर प्रकाशित होने के बाद भारतीय पुरातत्व संरक्षण के स्थानीय अधिकारियों ने भूल सुधार कर लिया है। अब शेरशाह मकबरे के प्रवेश द्वार पर ही G-20 का बड़ा लोगो लगाया गया है। साथ ही इमारत पूरी तरह रौशनी डूबी दिख रही है।
तीसरी बार रौशनी मे नहाया शेरशाह का मकबरा
ज्ञात हो कि हाल के वर्षों में यह तीसरा मौका है जब शेरशाह का मकबरा रौशनी में जगमगाया है। इसके पूर्व कोरोना के सौ करोड़ के टीकाकरण पूरा होने के मौके पर औरए देश के आजादी के 75 साल पूरा होने पर भी शेरशाह का मकबरा रौशनी में नहाया था। उस समय भी एएसआई द्वारा रौशनी के लिए देश भर के 100 इमारतों का चयन किया गया थाए जिसमें शेरशाह का मकबरा भी शामिल था।
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