जिला प्रशासन की उदासीनता की वजह से शहर में अतिक्रमण का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है। खासकर ऐतिहासिक धरोहरों पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर भी जिला प्रशासन पूरी तरह से सुस्त दिखाई दे रही है। बता दें कि पिछले महीने नगर निगम क्षेत्र स्थित चंदतन शहीद पहाड़ पर स्थित अशोक शिलालेख को मुहर्रम कमेटी के लोगों द्वारा अतिक्रमण कर अशोक शिलालेख को मिटाने का प्रयास का मामला देखने को मिला था और इसको लेकर माहौल भी काफी गर्म रहा। शिलालेख को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराने को लेकर नेता प्रतिपक्ष के सम्राट चौधरी ने भी सासाराम में धरना दिया था और रोहतास जिलाधिकारी को शिलालेख को मुक्त करने के लिए आवेदन भी सौंपा था। बता दें कि उस दौरान पर्व का माहौल था, इसलिए रोहतास जिलाधिकारी ने छठ पूजा के बाद उस शिलालेख से अतिक्रमण को हटाने के लिए आश्वासन दिया था। परंतु एक महीने का समय बीत जाने के बाद भी शिलालेख को अबतक मुक्त नहीं कराया गया।
इधर शिलालेख को मुक्त करने के लिए पुरातत्व विभाग भी लगातार प्रयासरत है। इसको लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के निदेशक डॉ बसंत स्वर्णकार ने पिछले महीने बैठक करके उसे मुक्त कराने के लिए पटना अंचल को निर्देश दिया था। इसके आलोक में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण पटना अंचल के अधीक्षण पुरातत्वविद् जी भट्टाचार्य ने 7 नवंबर को जिलाधिकारी एवं सासाराम अनुमंडल पदाधिकारी को पत्र निर्गत करके शिलालेख को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराते हुए, उसपर बनाये गए कमरों की चाबी लेने की निर्देश दिया है। बावजूद इसके अभी उक्त शिलालेख को मुक्त नही कराया गया। जब संरक्षण सहायक, सासाराम के टीएन बेहरा से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि उक्त संरक्षित शिलालेख पर अतिक्रमण किए हुए लोगों ने 3 दिन पूर्व मात्र एक ही चाभी उपलब्ध कराई है जबकि उसका दो चाभी है। उन्होंने बताया कि कमेटी के लोगों से दोनों चाभी की मांग की गई है।
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